आज मैं आपको ऐसी कहानी बताने वाली हूं जीसे पढ़कर आप लोग कभी यह नहीं सोचोगे “मेरे नसीब में क्या है” या मेरे नसीब में जो है वह मुझे मिलेगा की नही या मेरे नसीब में यह नहीं है मैं यह नहीं कर सकता, यह सभी बात को छोड़ देंगे तो शुरू करते हैं ये भी पढ़ें – प्रेरणा देने वाली thomas adison की अद्भुत कहानी

आज की सच्ची कहानी एक छोटा सा गांव था। गांव में एक बार एक ज्योतिषी आते हे एक छोटा सा बालक हाथ देखने वाले ज्योतिष के पास जाता है, हाथ दिखाता है और पूछता है, महाराज मेरा हाथ देखकर बताइए मैं कितना पढ़ लूंगा ? कितना आगे बढूंगा ? उसी बात पर वह ज्योतिष बालक का हाथ देखते हैं हाथ देख कर बोलते हैं । ये भी पढिए – अपने जीवन में बड़ी सफलता कैसे हासिल करते हैं
“बेटा मुझे माफ कर जिसने हाथों की लकीर बनाई है वह देवी ने वह विधाता देवीने तुम्हारे हाथ में विद्या की रेखा ही नहीं खिची तुम आगे कैसे पढ़ सकोगे “
बच्चे ने फिर पूछा महाराज हाथ में विद्या की रेखा कौन सी जगह पर होती है तब घर जाकर उस बच्चे ने उसी स्थान पर कटार से काट दिया और उसी के साथ खून से लथपथ हाथ लेकर वह ज्योतिष के पास जाता है और बोलता है महाराज देखिए यह है मेरी विद्या की रेखा अब मैं देखता हूं कि दुनिया की कौन सी ताकत मुझे पढ़ने से रोकती है उसी समय बालक के मुख पर पुरुषार्थ और लड़ने की ताकत दिख रही थी ।
कष्ट के बिना सफलता का अमृत नहीं | Inspirational short hindi story
इस बच्चे ने तो अपनी मेहनत से विधाता के लेख को भी मिथ्या साबित किया और बड़े होकर वह संस्कृत के महान पंडित पाणिनि (monk parini) के रूप में प्रसिद्ध हुए । जिन लोगों ने भी जीवन में सफलता प्राप्त की है वो सफलता कभी भी छोटे रास्तों से नहीं मिली है । सभी ने खुद को कष्ट देकर फिर सफलता का अमृत पिया है।
दुनिया के जो भी बड़े पैसे वाले (rich man) हो या पंडित (monk) हो सब लोगों ने अपनी जो काबिलियत है वह अपने दम पर हासिल की है , ना कि नसीब के बारे में सोच कर . कई लोग कहते हैं नसीब में होगा वह मिलेगा यह सोचने वाले लोग अक्सर पीछे रह जाते हैं और पुरुषार्थ करने वाले लोग ही आगे बढ़ सकते हैं।
आप लोगों को भी यह लगता होगा कि मेरे नसीब में जो है वही मुझे मिलेगा पर यह सच नहीं है काफी चीजें ऐसी होती है जो सिर्फ नसीब पर हम नहीं छोड़ सकते अपने दम पर भी कुछ करना होता है. ये भी पढिए – आचार्य चाणक्य की कहानी आपको हैरान कर देगी
जैसे की इस कहानी में मैंने आपको बताया एक बच्चा अगर अपनी “किस्मत खुद लिख सकता है” और विद्या की रेखा अपनी हथेली पर ना होने के बावजूद संस्कृत के महान पंडित Panini बन सकते हैं तो हम अपने अच्छे कर्म के साथ , मेहनत के साथ कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
आज की monk panini की कहानी आपको कैसी लगी मुझे बता सकते हैं ताकि आगे मैं और ऐसी ही कहानी आपको बता सकूं जिससे कुछ ना कुछ हासिल कर सके और जिंदगी में आगे बढ़ सके।
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