डॉ. APJ अब्दुल कलाम technology पर काम कर रहे थे तब की एक घटना है| जिससे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं| और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ के बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं| कोई भी काम के लिए लीडरशिप कैसी होनी चाहिए यह हम जानेंगे इस छोटी सी घटना में|
बात उस समय की है जब भारत में पहली बार स्वदेशी बनावट अग्नि मिसाइल का परीक्षण हो रहा था| मिसाइल बनाने वाली टीम मैं लीडर हमारे डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम सेवा दे रहे थे|

apj abdul kalam full name = Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam
apj abdul kalam full name in hindi = “अवुल पकिर जाइनूलाबदिन अब्दुल कलाम “
जब मिसाइल का परीक्षण होने की तारीख तय की हो गई तब पूरी दुनिया ने इस मामले का विरोध किया| मगर भारत को अपनी टेक्नोलॉजी और वैज्ञानिकों पर पूरा विश्वास होने से विरोधियों के कहने बावजूद भी यह परीक्षण किया|
खास बात अब शुरू होती है| क्योंकि जब मिसाइल को प्रक्षेपण के लिए कंप्यूटर को आदेश दे दिया|
उसके बाद थोड़ी ही देर में कंप्यूटर पर” होल्ड “का मैसेज आ गया| पता ही नहीं चला कि कंप्यूटर में क्या हो रहा है क्यों प्रक्षेपण सही से क्यू नहीं हो रहा है ?
डॉ. ऐ पी जे अब्दुल कलाम – Motivational short story in hindi 2023 | Abdul kalam ki kahani
इसके बाद डॉक्टर अब्दुल कलाम ने अपनी टीम को इस बारे में पूछा तो टीम ने कम्यूटर को बायपास करके मैनुअली प्रक्षेपण के लिए सलाह दी | अपने टीम के निर्णय पर अब्दुल कलाम ने भी हामी भर दी और आगे जाकर यह हुआ कि जो परीक्षण था वही निष्फल हो गया|
इसने निष्फलता के बाद प्रेस और मीडिया वाले भी आ गए क्योंकि वह प्रक्षेपण की ही राह देख कर बाहर बैठे हुए थे| डॉ. अब्दुल कलाम जब प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करने के लिए बाहर आए| उन्हीं के साथ इस प्रोजेक्ट के चीफ डॉ . सतीश धवन भी आए|
जैसे ही प्रेस वालों ने आकर सबने डॉ. कलाम के सामने माइक दे दिया तब डॉ. सतीश धवन ने सभी माइक को अपनी तरफ ले लिया और कहा,
” मैं इस पूरे प्रोजेक्ट का चीफ हूं निष्फलता के लिए मैं ही जवाबदार हूं आपको मैं वचन देता हूं कि मेरी टीम डॉक्टर कलाम की निगरानी में ज्यादा मेहनत करेगी और हमारी कमियों को दूर करेगी”|
टीम ने फिर काम करना चालू किया| कमियों को दूर की और फिर से मिसाइल का प्रक्षेपण करने का दिन आ गया|
इस बार सारी गलतियों को दूर करके प्रक्षेपण में सफलता मिली| डॉ अब्दुल कलाम के साथ सभी बहुत ही खुश थे| भारत ने खुद की अनु टेक्नोलॉजी का पूरे विश्व को परिचय दे दिया था|
इस बार भी प्रेस और मीडिया वाले बाहर ही खड़े थे|
डॉ सतीश धवन ,डॉ. कलाम के साथ मीडिया के सामने आए सबने माइक जब डॉक्टर धवन के सामने रखा तो डॉ धवन ने, धीरे से माइक डॉक्टर कलाम की आगे करके कहा” कलाम, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करें”|
सफलता मिली तो टीम को ही आगे लाना चाहिए – APJ Abdul kalam vichar
एक नेता और एक आगेवान कैसा होना चाहिए? यह बात इस कहानी से हमें अच्छी तरह से समझ में आ जाती है|
जब हम टीम की लीडरशिप लेते हैं तो टीम की पूरी जिम्मेदारी हमारी आ जाती है| अगर टीम की निष्फलता हुई तो हमारे सिर पर होनी चाहिए |बाकी सफलता मिली तो टीम को ही आगे लाना चाहिए| यह एक बड़े नेता की सूझबूझ कह लाएगी|
अगर यहां पर डॉ धवन ने निष्फलता मिलने के बाद अपनी टीम को भला बुरा का होता तो टीम में जो काम करने का जज्बा है वह कम होतामगर डॉ धवन ने यह नहीं किया|
उन्होंने निष्फलता अपने सिर पर लेकर कहा कि आगे और अच्छा काम करेगी यह हमारी टीम| और आगे यही हुआ दूसरे परीक्षण में डॉ धवन और डॉ अब्दुल कलाम की आगेवानी में सफलता मिल ही गई|
यह बात घर में रहने वाले लोगों पर भी लागू होती है|
घर में सभी सदस्य होते हैं उसमें एक मुखिया होता है जो हमारे घर की बागडोर अपने हाथों में संभालता है| अगर उसकी नेतागिरी ,आगेवानी सही होगी तो घर अच्छे से चल सकता है और तरक्की कर सकता है|