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महाराणा प्रताप के बारे में जानकारी | How to know maharana pratap ke bare mein

महाराणा प्रताप के बारे में जानकारी How to know maharana pratap ke bare mein

Maharana Pratap ka jivan parichay – महाराणा प्रताप ने बहुत ही वीरता से जीवन जिया था| उसी के बारे में आज इस पोस्ट में हम अच्छे से जानेंगे| आपको महाराणा प्रताप की तमाम जानकारी इस पोस्ट में मिल जाएगी| महाराणा प्रताप बहुत ही वीरता से युद्ध करके अपना जीवन जिए हैं| किसी के सामने हाथ ना फैलाना, किसी के सामने झुकना नहीं यह बहुत बड़ी बात महाराणा प्रताप में थी|

महाराणा प्रताप अकबर जैसे महान सम्राट के सामने भी नहीं झुके और युद्ध करके महाराणा प्रताप ने अकबर को हराया| आइए जानते हैं महाराणा प्रताप के बारे में और उनके जीवन के बारे में और इसके अलावा हल्दीघाटी के युद्ध के बारे में संपूर्ण जानकारी|

महाराणा प्रताप के बारे में जानकारी | How to know maharana pratap ke bare mein

महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के कुंभलगढ़ में महाराणा उदयसिंह के घर हुआ था| कई लेखकों ने अपने हिसाब से महाराणा प्रताप का जन्म स्थान बताया है जैसे कि लेखक जेम्स टॉड ने बताया है कि महाराणा प्रताप का जन्मा मेवाड़ के कुंभलगढ़ में हुआ था|

महाराणा प्रताप के बारे में  जानकारी  How to know maharana pratap ke bare mein
महाराणा प्रताप का जीवन

वहीं पर इतिहासकार विजय नाहर का कहना है कि राजपूत समाज की परंपरा एवं महाराणा प्रताप की जन्म कुंडली के कालगणना के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म पाली के राज महलों में हुआ था|

महाराणा प्रताप का जन्म9 मई 1540 में
महाराणा प्रताप की मृत्यु19 जनवरी 1597 में (५६ वर्ष तक)
महाराणा प्रताप की मुख्य संतानअमर सिंह प्रथम और भगवानदास (१७ बेटे)
महाराणा प्रताप का पूरा नाममहाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया
महाराणा प्रताप के पिता का नाममहाराणा उदय सिंह
महाराणा प्रताप के माता का नाममहारानी जयवंता बाई
महाराणा प्रताप का धर्मसनातन (हिंदू)
महाराणा प्रताप की पत्नीमहारानी अजबदे पंवार
महाराणा प्रताप का जन्म स्थानकुंभलगढ़ दुर्ग , जिला -राजसमंद ,राजस्थान ,भारत
महाराणा प्रताप के बारे में मुख्य जानकारी

महाराणा प्रताप के माता पिता का नाम, जन्म , स्थान (maharana pratap ke mata , pita ka naam , birth date , birth place etc)

महाराणा प्रताप की माता का नाम जयवंता बाई (jaywanta bai) था बहुत ही निडर नारी थी| महाराणा प्रताप के पिता का नाम महाराणा उदयसिंह (maharaja udaysingh) था|

महाराणा प्रताप का ननिहाल भी पाली में ही था| हालांकि महाराणा प्रताप का बचपन भील समुदाय के साथ बिता है| दिलों के साथ ही वह युद्ध कला सीखते थे| अपने पुत्र को कीका कह कर पुकारते हैं इस वजह से भील महाराणा प्रताप को किका नाम से पुकारते थे|

पुस्तक हिंदूवा सूर्य महाराणा प्रताप के अनुसार प्रताप का जन्म (birth date of maharana pratap) हुआ था उस समय उदेशी युद्ध और और सुरक्षा से गिरे हुए थे| कुंभलगढ़ किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं था| जोधपुर के शक्तिशाली राठौड़ी राजा मालदेव उन दिनों उत्तर भारत में सबसे शक्ति संपन्न थे|

महाराणा प्रताप की नाना एवं पाली के शासक सोनगरा अखेराज मालदेव का एक विश्वसनीय सामान और सेनानायक था|

महाराणा प्रताप के जन्म से जुड़ी जानकारी | महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ.

इस कारण पाली और मारवाड़ हर तरह से सुरक्षित था और राठौड़ी की सेना के सामने अकबर की शक्ति भी बहुत कम थी | इस कारण जब महाराणा प्रताप का जन्म होने वाला था तब उनकी माता को पाली भेजा गया|

वही 9 मई 1540 में महाराणा प्रताप का पाली में जन्म हुआ| बेटे के जन्म का समाचार मिलते ही उदयसिंह की सेना ने युद्ध आरंभ किया और मालवीय युद्ध में बनवीर के विरुद्ध विजय प्राप्त करके चित्तौड़ के सिंहासन पर अपना अधिकार कर लिया|

महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक

महाराणा प्रताप के पिता उदयसिंह की दूसरी रानी धीरबाई जिसे इतिहास में रानी भटियाणी के नाम से जाना जाता है, अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी| प्रताप के उत्तराधिकारी होने पर इसके विरोध स्वरूप जगमाल अकबर के खेमे में चला जाता है|

महाराणा प्रताप का प्रथम राज्य अभिषेक 28 फरवरी 1572 में गोगुंदा में हुआ था, लेकिन विधि विधान से महाराणा प्रताप का तृतीय राज्य विषय 1572 ईस्वी सन् में कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था|

महाराणा प्रताप के संतानों के नाम | maharana pratap ke bete ka naam | maharana pratap ki patni ka naam | maharana pratap ki kitni rani thi

महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 बार शादी की थी| उनकी पत्नियों और उनसे प्राप्त महाराणा प्रताप के पुत्र और पुत्रियों के नाम इस तरह है:-

महारानी अजबदे पंवार- अमरसिंह और भगवानदास

अमर बाई राठौड़-नतथा

सहमति बाय हाडा-पूरा

अलमदेबाई चौहान-जसवंतसिंह

रत्नावती बाई परमार-माल,गज ,क्लिंगू

लखाबाई-रायभाना

जसोंबाई चौहान – कल्याण दास

चंपा बाई जनथी –कल्ला , बालदार, दुर्जन सिंह

सोलन सोलनखिनीपुर बाई –साशा और गोपाल

फूलबाई राठौर-चंदा और सीखा

खीचर आशाबाई –हत्थी और राम सिंह

महाराणा प्रताप का शासनकाल और अकबर से युद्ध

महाराणा प्रताप के शासनकाल में सबसे रोचक तथ्य है कि मुगल सम्राट अकबर बिना युद्ध के ही प्रताप को अपने अधीन लाना चाहता था| इसलिए अकबर ने प्रताप को समझाने के लिए चार राजदूत नियुक्त किए जिसमें सर्वप्रथम सितंबर 1572 ईस्वी सन् में जलाल खा प्रताप के खेमे में गया|

दूसरे क्रम में मानसीह , तीसरे क्रम में भगवान दास, और चौथे क्रम में राजा टोडरमल प्रताप को समझाने के लिए पहुंचे|

लेकिन महाराणा प्रताप ने चारों को निराश किया इस तरह राणा प्रताप ने मुगलों की अधीनता स्वीकार ने से साफ मना किया जिसके परिणाम स्वरूप हल्दीघाटी का बहुत बड़ा ऐतिहासिक युद्ध हुआ|

हल्दीघाटी का युद्ध | haldi ghati ka yuddh

यह युद्ध 4 जून 1576 में मेवाड़ तथा मुगलों के मध्य हुआ था| जिसमें मेवाड़ की सेना का नेतृत्व महाराणा प्रताप ने किया था| भील सेना के सरदार, पानवा के ठाकुर राणा पूंजा सोलंकी थे| महाराणा प्रताप के साथ रहकर लड़ने वाले एकमात्र मुस्लिम सरदार हकीम खां सूरी थे|

लड़ाई का फल गोगुंदा के पास हल्दीघाटी में एक संकरा पहाड़ी पर था| महाराणा प्रताप ने लगभग 3000 सवारों और 400 धनु धारियों के बल पर मैदान में उतरे थे|

महाराणा प्रताप ने खुद को जख्मी पाया

हल्दीघाटी के युद्ध में मुगलों का नेतृत्व आमेर के राजा मानसिंह ने किया था| 3 घंटे से अधिक समय तक चले भयंकर युद्ध के बाद महाराणा प्रताप ने खुद को जख्मी पाया जबकि उनके कुछ लोगों ने उन्हें समय दिया, जिस दौरान महाराणा प्रताप पहाड़ियों से भागने में सफल रहे |

इस युद्ध में बिंदा के झालामान ने अपने प्राणों का बलिदान देकर महाराणा प्रताप के जीवन की रक्षा की थी|

महाराणा प्रताप को सर्वश्रेष्ठ राजपूत राजा की बहादुरी की वजह से कहा गया

शत्रु सेना से गिर चुके महाराणा प्रताप को झाला मान सिंह ने अपने प्राण देकर बचाया और महाराणा को युद्धभूमि छोड़ने के लिए बोला| शक्ति सिंह ने अपना अश्व देकर महाराणा प्रताप को बचाया| प्रिय अश्व चेतक की मृत्यु हुई|

हल्दीघाटी के युद्ध में और देवर और चप्पली की लड़ाई में महाराणा प्रताप को सर्वश्रेष्ठ राजपूत राजा और उनकी बहादुरी पराक्रम चारित्र्य धर्म निष्ठा त्याग के लिए जाना जाता है|

युद्ध में राजपूतों ने मुगलों के छक्के छुड़ा दिए

इतिहासकार मानते हैं कि इस युद्ध में कोई विजय नहीं हुआ| अगर देखा जाए तो इस युद्ध में महाराणा प्रताप सिंह विजई हुए| अकबर की विशाल सेना के सामने मुट्ठी भर राजपूत कितनी देर तक टिक पाते| पर ऐसा कुछ नहीं हुआ यह युद्ध पूरे 1 दिन चला और राजपूतों ने मुगलों के छक्के छुड़ा दिए थे|

सबसे बड़ी बात यह है कि युद्ध आमने-सामने लड़ा गया था| महाराणा प्रताप की सेना ने मुगलों की सेना को पीछे हट करने के लिए मजबूर कर दिया था और मुगलों की सेना भागने भी लगी थी|

महाराणा प्रताप की मृत्यु | maharana pratap ki mrityu | महाराणा प्रताप की मृत्यु कब और कैसे हुई

उत्तर प्रदेश बंगाल बिहार और गुजरात के मुगल अधिकृत प्रदेशों में विद्रोह होने पर महाराणा प्रताप एक के बाद एक गढ़ जीतते जा रहे थे| परिणाम स्वरूप अकबर उस विद्रोह को दबाने में उलझा रहा और मेवाड़ पर से मुगलों का दबाव कम हो गया|

इस बात का लाभ उठाकर महाराणा प्रताप ने 1585 मैं मेवाड़ की मुक्ति का प्रयत्न चालू कर दिया| महाराणा प्रताप की सेना ने मुगल चौकियों पर आक्रमण शुरू कर दिया और उदयपुर समेत 36 महत्वपूर्ण स्थान पर फिर से महाराणा प्रताप ने अपना अधिकार जमा लिया|

मेवाड़ को मुक्त कराने के संघर्ष में महाराणा प्रताप का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है| मेवाड़ पर लगा अकबर नाम का ग्रहण 1585 में खत्म हुआ|

हुमायूं कौन था उसके पिता का नाम क्या था.

औरंगजेब कौन था उसके बेटे का नाम क्या था.

औरंगजेब का इतिहास

उसके बाद महाराणा प्रताप अपने राज्य की सुख-सुविधा में जुट गए| परंतु इसके 11 वर्ष के बाद ही यानी कि 19 जनवरी 1597 में अपनी नई राजधानी चावंड में महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गई|

महाराणा प्रताप की मृत्यु पर अकबर की प्रतिक्रिया (maharana pratap ki mrityu par akbar ka opinion)

अकबर महाराणा प्रताप का सबसे बड़ा शत्रु था| दोनों की लड़ाई कोई व्यक्तिगत रेस का परिणाम नहीं बल्कि अपने सिद्धांतों और मूल्यों की लड़ाई थी| एक तरफ अकबर था जो अपने ग्रुप साम्राज्य का विस्तार करना चाहता था और दूसरी तरफ महाराणा प्रताप थे जो भारत की स्वाधीनता के लिए लड़ रहे थे मातृभूमि के लिए संघर्ष कर रहे थे|

महाराणा प्रताप की मृत्यु पर अकबर को बहुत ही दुख हुआ क्योंकि वह महाराणा प्रताप के गुणों का प्रशंसक था और अकबर जानता था कि इस धरती पर महाराणा प्रताप जैसा वीर कोई नहीं है| यह समाचार सुनकर अकबर रहस्यमय तरीके से मौन हो गया और अकबर की आंखों में आंसू आ गए|

महाराणा प्रताप की मृत्यु के समय अकबर लाहौर में था और वही उसे सूचना मिली थी कि महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गई है|

अकबर कौन था और भारत पर कब हमला किया

सम्राट अशोक कौन थे।

बाबर कौन था और उसके बेटे का नाम क्या है

महाराणा प्रताप के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य | maharana pratap ka jivan parichay 10 line

१. महाराणा प्रताप मैं अपने पिता की युद्ध की नीति छापामार युद्ध प्रणाली का सफल प्रयोग करते हुए मुगलों पर सफलता प्राप्त की थी|

२. महाराणा प्रताप मुगल सम्राट अकबर से नहीं हारे बल्कि अकबर के सेनापतियों को धूल चटाई थी|

3. हल्दीघाटी के युद्ध में प्रताप जीते|

4.महाराणा प्रताप के विरुद्ध हल्दीघाटी में हारने के बाद स्वयं अकबर ने जून से दिसंबर 1576 तक तीन बार विशाल सेना के साथ महाराणा पर आक्रमण किया परंतु महाराणा प्रताप को खोज नहीं पाए|

5.अकबर , महाराणा प्रताप के जाल में फस कर अपनी सेना का विनाश कर बैठा|

6. महाराणा प्रताप ने सुंगा पहाड़ पर एक बावड़ी का निर्माण करवाया और सुंदर बगीचा लगवाया|

7.महाराणा की सेना में एक राजा, तीन राव, सात रावत, 15,000 अस्वरोही, सो हाथी, 20,000 पैदल और सो वाजिंत्र थे| इतनी बड़ी सेना को खाद्य सहित सभी व्यवस्थाएं महाराणा प्रताप देते थे|

8. सबसे अहम बात पृथ्वीराज चौहान जो अकबर के दरबारी कवि होते हुए भी महाराणा प्रताप के बहुत बड़े प्रशंसक थे|

9. अकबर भी महाराणा प्रताप की वीरता पर प्रशंसा करता था|

10. महाराणा प्रताप की कुल 11 रानियां थी

PM मोदी का पूरा नाम (How to know narendra modi ka pura naam)

PM मोदी का पूरा नाम (narendra modi ka pura naam)

पीएम मोदी का पूरा नाम क्या है कई बार ऐसे सवाल जनरल नॉलेज के तौर पर पूछे जाते हैं लेकिन हमें इनका जवाब नहीं पता होता ऐसे में पीएम मोदी का पूरा नाम चर्चा का विषय होता है कई सारे लोग पूछ रहे थे कि नरेंद्र मोदी का पूरा नाम क्या है वैसे मैं आपको बता दूं नरेंद्र मोदी का पूरा नाम “नरेंद्र दामोदरदास मोदी” है

आइए आज हम जानते हैं नरेंद्र मोदी के बारे में कुछ और जानकारी जैसे कि नरेंद्र मोदी जी का जन्म कहां हुआ था और नरेंद्र मोदी जी का जन्म कब हुआ इसके अलावा नरेंद्र मोदी किस गांव से आते हैं नरेंद्र मोदी की पिता का नाम और माता का नाम क्या है।

मोदी का पूरा नाम (narendra modi ka pura naam)

नरेंद्र मोदी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी है नरेंद्र मोदी भारत के गुजरात राज्य से आते हैं नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजरात के कई बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं नरेंद्र मोदी की पत्नी का नाम यशोदा बेन मोदी है।

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 गांव वडनगर मेहसाणा गुजरात भारत देश में हुआ है इनकी पत्नी का नाम यशोदा बेन मोदी है नरेंद्र मोदी के पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी है 2023 के अनुसार नरेंद्र मोदी की आयु 72 वर्ष है.

PM मोदी का पूरा नाम  (narendra modi ka pura naam)
full name of pm narendra modi in hindi

नरेंद्र मोदी का जन्म भारत के गुजरात राज्य में मेहसाणा जिले के वडनगर में हुआ है नरेंद्र मोदी की पार्टी का नाम भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी है इसे भाजपा भी कहते हैं।

नरेंद्र मोदी के बारे में कुछ और जानकारी

नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी अब तक यानी आज 6 सितंबर 2023 तक भारत के दूसरी बार प्रधानमंत्री बन चुके हैं और उत्तर प्रदेश में वाराणसी से लोकसभा सांसद भी चुने गए हैं .

नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री पद पर होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाले पहले व्यक्ति हैं इसके पहले वे 7 अक्टूबर 2001 से लेकर 22 मई 2014 तक गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं नरेंद्र मोदी बीजेपी यानी भाजपा भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस (RSS) के सदस्य भी हैं।

नरेंद्र मोदी 8 साल की उम्र से ही आरएसएस से जुड़े और लंबे समय तक इस संगठन में सेवा की नरेंद्र दामोदरदास मोदी गुजराती परिवार में पैदा हुए और इनका बचपन पिता के साथ चाय बेचने में मदद और बाद में खुद चाय का स्टाल लगाकर चाय बेचते थे.

नरेंद्र दामोदरदास मोदी स्नातक की डिग्री पाने के बाद अपना घर बार छोड़कर 2 साल तक भारत भर में यात्रा किए और भारत में अनेकों धर्म केंद्रों का दौरा भी किया 1985 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और 2001 तक पार्टी पद के कई पदों पर काम किए.

जब नरेंद्र भाई मोदी गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री थे तब गुजरात की जनता ने नरेंद्र मोदी के कामों के लिए लगातार चार बार गुजरात का मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र भाई मोदी को चुना .

आपको बता दें नरेंद्र मोदी गुजरात यूनिवर्सिटी से पॉलिटिक्स यानी राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं नरेंद्र मोदी को विकास पुरुष के नाम से भी उपाधि मिल चुकी है नरेंद्र मोदी वर्तमान समय में भारत देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं और इनकी लोकप्रियता पूरे विश्व में भी नंबर वन पर है.

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पक्षी का प्रेम | Short Story in hindi

पक्षी का प्रेम | Short Story in hindi

एक छोटा सा सुंदर पक्षी था| यह पक्षी बगीचे में खिले हुए सफेद फूल पर ही मंडरा रहता है|एक दिन फुल ,पक्षी से पूछता है ,”तुम मुझ पर ही क्यों मंडरा रहे हो,मुझसे दूर क्यों नहीं जा रहे हो, मैं तुमसे तंग आ गया हूं|”

पक्षी ने तो हंसते-हंसते कहा” पता नहीं मगर मुझे तुमसे दूर जाने का मन ही नहीं करता है|मुझे बस ऐसे होता है कि मैं एक पल भी तुमसे दूर ना रहूं और मेरी नजरों से तुम्हें दूर ना करू|”

फूल को लगा कि यह तो मेरा पीछा ही नहीं छोड़ रहा है| बस मुझे बहुत तंग कर रहा है| मुझे कुछ करके इसको अपने से दूर करना ही पड़ेगा|

तब जाकर फूल पक्षी को कहता है कि,”अगर तुम मेरे साथ हमेशा के लिए रहना चाहते हो तो यह काम करना पड़ेगा|” पक्षी बहुत ही खुश हो गया उसको तो जैसे स्वर्ग ही मिल गया हो इतनी खुशी हो रही थी| पंखी ने तुरंत ही कहा,” हां मैं आपके साथ ही रहना चाहता हूं|”

सफेद फूल बोलता है,” अभी मैं सफेद हूं जब मैं लाल हो जाऊं तब हम दोनों एक साथ रहेंगे|” यह सुनकर पक्षी नाचने कूदने और गाने लगा|

फूल तो सोचता ही रह गया कि।” मैं तो सफेद हूं लाल तो कभी होगा ही नहीं| मेरा रंग तो नहीं बदल सकता फिर भी ये इतना नाच क्यों रहा है? मैं तो सिर्फ इससे पीछा छुड़ाने के लिए बोल रहा था| मैं थोड़ी ना लाल हो जाऊंगा| लगता है की पक्षी की बुद्धि काम नहीं कर रही है|”

सफेद फूल के साथ बहुत ही कांटे थे| पक्षी नाच नाच कर अपने शरीर पर कांटा चुभता चला गया| मतलब की कांटों से अपने शरीर को टकराता रहा|

पक्षी का प्रेम | Short Story in hindi
पक्षी का प्रेम | a Short Story in hindi

पक्षी के शरीर में घाव लगने के कारण खून निकलने लगा और खून सफेद फूल पर गिरने लगा धीरे-धीरे करके फूल लाल हो गया| थोड़ी देर बाद पंखी का पूरा शरीर ही छंनी जैसा हो गया तब तक फूल लाल हो गया था|

फूल को समझ में आ गया कीपक्षी उसको कितना प्रेम कर रहा था| फुल घायल पक्षी के पास जाकर अपने प्रेम का इजहार करने झुकता है और कहता है,” दोस्त मुझे माफ कर दे मैं तुम्हारे प्रेम को नहीं समझ सका तुम्हारे प्रेम को सिर्फ एक मजाक हीं समझ रहा था|अब मुझे तुम्हारा प्रेम समझ में आ रहा है| मैं भी तुम्हें प्रेम करता हूं दोस्त|”

फूल बोलता ही चला जा रहा है पर सामने से कोई जवाब ही नहीं आ रहा तब फूल को पता चला की बहुत देर हो चुकी है पक्षी मर चुका था|

छोटी कहानिया यहाँ पढ़ें | hindi very short story

हमारे जीवन में भी ऐसी कितनी घटनाएं होती है कि हम हमसे जुड़े लोग और हमसे प्रेम करने वाले लोगों को समझ नहीं सकते और सिर्फ एक मजाक समझते हैं| जब हमें पता चलता है तब तक बहुत ही देर हो चुकी होती है|

दुख: की गठरी | a village boy story in hindi

एक छोटा सा गांव था| गांव में एक मोहन नाम का लड़का रहता था| जो हमेशा शिकायत ही करता रहता था कि भगवान मुझे कुछ नहीं मिला भगवान मेरे पास कुछ नहीं है| आपने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? फरियाद ही करता रहता था जब सोता तब फरियाद करता|

मोहन ने कहा,” मेरे गांव के सभी लोग खुश जीवन जी रहे हैं|मेरे साथ ही ऐसा क्यों हो रहा है|

मोहन रात को सोता है| तब मोहन को एक स्वप्न आता है| स्वप्न में देखा है कि एक बहुत बड़ा महल है और उसे महल में गांव गांव के सभी लोग इकट्ठा हुए हैं|

गांव के सभी लोगों को बोला गया है कि अपने दुखों की पोटली साथ में लेते आना| सभी लोग गठरी लेकर वहां खड़े थे| गरीब आदमी की कहानी

सभी अपने दुखों की गठरी लाए थे| मगर मोहन को बहुत ही आश्चर्य हुआ क्योंकि मोहन गांव में जिसको सुखी समझ रहा था वह भी अपनी बड़ी-बड़ी दुख की गठरिया लेकर आए थे|

ज्यादा समझ में ही नहीं आया तब मोहन ने देखा कि मंदिर के पुजारी भी दुखी होकर अपनी दुख की गठरी लाए थे| यहां तक की गांव के सबसे अमीर नगर शेठ भी अपनी दुख की गठरी लेकर आए थे|

जब सब इकट्ठा हो गए तब आकाशवाणी हुई ,“अब आप सभी लोग अपने दुखों की गठरी दीवाल में लगे हुए खींचे से तंग दो|” सभी लोग अपने दुखों की गठरी को घंटे से टांगने के लिए दौड़े और अपने-अपने दुख की पोटली को दीवार पर लगा दिया|

थोड़ी देर बाद फिर आकाशवाणी हुई,” आप लोगों को जिसकी दुख की गठरी चाहिए वह उठा सकते हैं| सभी लोगों को अपने-अपने दुखों की गठरी बदलने की छूट है|

मोहन तो सपना देख रहा था| स्वप्न में भी मोहन को लगा कि,” मैं गांव के नगर सेठ की गठरी ही उठा लेता हूं|” दूसरे ही क्षण मोहन को ख्याल आता है कि,” नगर सेठ की गठरी में किस तरह का दुख है वह भी मुझे पता नहीं है .

कम से कम मेरी दूसरी गठरी का दुख मुझे पता तो है और मैं अपने दुख के साथ लंबे समय से रह रहा हूं उसे कारण मुझे अभी डर भी नहीं लगता और मैं वह दुख से लड़ सकता हूं|”

मोहन ज्यादा नहीं सोच कर दौड़ कर गया और अपने दुख की गठरी कोई लेकर न जाए उसके पहले ही ले ली और सर पर रखकर चला गया| सभी लोगों ने भी यही किया अपने-अपने दुख की गठरी ही ली\

तब फिर से आकाशवाणी होती है,” अरे! यह गठरी मुझे देने के बजाय तुम अपने साथ लेकर जा रहे हो|” यही गलती सभी लोग करते हैं| हमें भगवान के सामने दुख रखकर सिर्फ खुशी लेकर ही जाना चाहिए मगर लोग अपने सिर पर दुख लेकर ही चलना चाहते हैं| इसीलिए शायद लोग खुश नहीं रह सकते|

इस कहानी से मैं यह कहना चाहती हूं कि अगर हम अपने दुख अपनी परेशानी सभी भगवान को अर्पण करके अपना सिर्फ कर्म करें औरअपना फर्ज निभाएं तो हम दुनिया में बहुत ही खुशनसीब कहलाएंगे|

बदलीपुर की टीम

एक गांव था| जिसका नाम बदलीपुर था| बदलीपुर में खूबी लाल नामक एक लड़का रहता था| जिसको अपने रूप रंग का बहुत ही अभिमान था|

 इस गांव में विवेक नाम का एक लड़का रहता था| जो खूबी लाल के दिखावे से बहुत ही उदास रहता था क्योंकि विवेक मोटा लड़का था| खूबी लाल एकदम हीरे की तरह दिखता था| जैसे की ऊंचा कद , लहराते बाल और बढ़िया था |

खूबी लाल हाथी पर बच्चों को बिठाकर बदलीपुर में घूमता था और पैसे कमाता था |खूबी लाल हाथी को चराने के लिए विवेक के खेत में छोड़ जाता था| जहां विवेक पूरा दिन हाथी को रखता था और शाम को खूबी लाल को दे देता था|

एक दिन खूबी लाल विवेक के पास आकर कहता है, “ओ ! हाथी मेरे हाथी को अच्छे से रखना|” विवेक को बहुत बुरा लगा क्योंकि खूबी लाल ने विवेक को हाथी जैसा कहा था|

मगर विवेक तो खूबी लाल की तरह दिखना चाहता था तभी विवेक सोचता है मैं भी खूबी लाल की तरह क्यों नहीं दिखता? अगर मैं ऐसा दिखता तो मुझे कोई हाथी ही नहीं कहता| खूबीलाल कितना सुंदर है, इसीलिए सब उसको पसंद करते हैं और इस वजह से खूबी लाल भी खुश रहता है|

हाथी की चोरी

एक दिन खूबीलाल रोते हुए मित्रों के पास जाता है, और कहता है कि मेरा हाथी किसी ने चुरा लिया है |तभी खूबी लाल के दोस्त कहते हैं,” क्या हुआ हाथी कैसे गुम हो गया”? खूबी लाल कहता है,” मैं रोज हाथी को हाथी के खेत में छोड़ने जाता था|

तभी उसका मित्र कहता है,” हाथी के खेत में वो कोन है ?”खूबीलाल कहता है,” आप लोग नहीं जानते| वह मोटा सा लड़का है” विवेक” वही तभी तारा कहती है कि,” तुम्हें इस तरह से विवेक की मजाक नहीं करनी चाहिए| तुमने तो एक शब्द बोल दिया मगर जो सुनने वाला है उसके मन में कितना बुरा लग शकता है | वह तुम्हें नहीं पता| तुम्हारी इस हरकत से विवेक अपने आप को छोटा समझने लगा है और छोटा बन के रह रहा है|”

” लोग अपना आत्मविश्वास भी खो बैठते हैं, इसलिए आगे से किसी को ऐसे मत चिढ़ाना समझ गए, और सोच समझ कर ही बोलना|”

खूबी लाल कहता है कि,” रोज मेरा हाथी शाम को घर आ जाता है मगर आज नहीं आया तो, मैं लेने गया तब विवेक ने कहा,” मुझे हाथी का कुछ पता नहीं| वह तो कब से यहां से निकल गया है|”

खूबी लाल रोते हुए कहता है,” मुझे पता नहीं है मेरा हाथी कहां है? बस मुझे अपना हाथी चाहिए|”

तब किटी कहती है,” मुझे पता है तुम्हारा हाथी कहां है|”

खूबी लाल कहता है,” कहां है ?”

किटी ने कहा,” चलो मेरे साथ मुझे पता है तुम्हारा हाथी किसने चुराया है|

तारा कहती है,” मैं किटी की बात समझ गई|”

फिर सभी विवेक के घर जाते हैं और खूबी लाल कहता है,” विवेक मुझे मेरा हाथी दे|”

विवेक कहता है,” मेरे पास हाथी नहीं है| हाथी तो कब का यहां से चला गया है|”

अदरक कहता है,” विवेक तुम डरो नहीं हम तुम्हें कुछ नहीं करेंगे|”

विवेक क्यों भागा ?

तब विवेक भागने लगता है किटी और अदरक उसे पकड़ते हैं और कहते हैं कि,” तुम भाग क्यों रहे हो?” तब खूबी लाल की सभी कड़वी बातों का असर विवेक पर क्या होता है वह विवेक अपने मुंह से बताता है|

विवेक कहता है कि,” देखो खूबी लाल की बॉडी देखो उसके बाल देखो कितने सुंदर है| खूबी लाल मुझे हाथी कहता है तब मुझे बहुत बुरा लगता है,उसका आपको पता ही नहीं इसी स्थिति में मैं अपने आप को खूबी लाल के जैसा दिखना चाहता हूं तो क्या बुरा है?

पहले मैं सोचता था कि मैं कितना काला हूं और पाउडर लगाने के बाद अच्छा बन सकता हु मगर कुछ फर्क नहीं पडा| उसमें खूबी लाल जले पर नमक छिड़कता है कहता है कि” हाथी” मेरे हाथी को संभालना|”

विवेककी सब बात सुनकर किटी, तारा और अदरक भी उदास हो जाते हैं और कहते हैं कि किसी को भी अपने दिखावे पर कभी चिढ़ाना नहीं चाहिए|

विवेक कहता है कि,” मैंने यही था सोचा कि मैं खूबी लाल के जैसा दिख नहीं सकता मगर खूबी लाल को मेरी तरह उदास तो बने सकता हूं इसलिए मैंने हाथी को छिपा दिया|”

विवेक की बात सुनकर सब ने पूरी बात ही समझ ली अदरक ने विवेक को समझाया कि,” तुम अपने आप की तुलना किसी से क्यों करते हो देखो मैं भी कितना काला हूं मैं भी कभी-कभी अपनी तुलना दूसरों से करता हूं क्योंकि यह तो सामान्य बात है सभी लोग यहां ऐसा ही करते हैं मगर मैं अपने आप को समझाता रहता हूं कि हर एक व्यक्ति खास है| इसीलिए मुझे इन बातों से बुरा नहीं लगता|”

आगे खूबी लाल चारों से माफी मांगता है और विवेक को कहता है,” विवेक मुझे माफ कर दो मैं तुम्हारे साथ बहुत बुरा बर्ताव किया मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए|”

हमें भी अपनी तुलना किसी के साथ नहीं करनी चाहिए| भगवान ने सभी को कुछ ना कुछ खूबियो के साथ ही भेजा है| हमारे अंदर क्या खूबी है वह हमें खोज कर इस पर आगे बढ़ना चाहिए ना कि दूसरों की खूबी को देखकर अपने आप को छोटा समझना चाहिए| क्योंकि कोई दिखने में अच्छा है, तो कोई ताकत में अच्छा है| इसी तरह हमें अंदर की खूबी क्या है वह देखकर और अपने आप को निखारना चाहिए ऐसा करके हम आगे बढ़ सकते हैं|

नरेंद्र मोदी के बारे में जानकारी | How to Know about narendra modi Historyin hindi

नरेंद्र मोदी के बारे में जानकारी about narendra modi history in hindi

पूरी दुनिया में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Priminister Narendra Modi) की जबरजस्त लोकप्रियता है । अकेले भारत में भी नरेंद्र मोदी की काफी लोकप्रियता है । नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 में बीजेपी की अगुआई में पहली बार केंद्र में आए । नरेंद्र मोदी भारत देश के मौजूदा प्रधान मंत्री हैं । नरेंद्र मोदी के लिए 2023 काफी अच्छा रहा है । इसके अलावा नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार pm बने हैं । नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र काशी , उत्तरप्रदेश है ।

नरेंद्र मोदी के बारे मे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जैसे की नरेंद्र मोदी कहाँ से हैं और नरेंद्र मोदी का पूरा नाम (Narendra modi ka pura naam) क्या है और भी बहुत कुछ नरेंद्र मोदी के जीवन और लाइफस्टाइल के बारे । योगी जी का पूरा नाम

नरेंद्र मोदी का पूरा नामनरेंद्र दामोदर दास मोदी” है । नरेंद्र मोदी , भारत के गुजरात राज्य से आते हैं , भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले pm नरेंद्र मोदी कई बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं । नरेंद्र मोदी की शादी हो चुकी है लेकिन उन्होंने देश के लिए परिवार छोड़ दिया , इसके लिए उन्होंने “अपनी पत्नी को प्रेम से बात की और उनकी पत्नी यशोदाबेन भी खुशी से मान गई । “

नरेंद्र मोदी के बारे में जानकारी  about narendra modi history in hindi

नरेंद्र मोदी के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी (very important information about pm narendra modi)

नरेंद्र मोदी का जन्म (narendra modi birth date & place)१७ सितंबर १९५० , वडनगर , महेसाणा गुजरात , भारत
नरेंद्र मोदी की पत्नी का नाम (narendra modi wife name)यशोदाबेन मोदी
नरेंद्र मोदी के पिता का नाम (narendra modi father name)दामोदरदास मूलचंद मोदी
नरेंद्र मोदी की आयु (Narendra modi age)72 वर्ष in (2023)
नरेंद्र मोदी की इनकम (Narendra Modi ‘s income)INR -19,20,000 Annually
नरेंद्र मोदी का जन्म स्थान (Birth place)वडनगर , महेसाणा गुजरात , भारत
नरेंद्र मोदी के माता का नाम (mother name)हीराबेन मोदी
नरेंद्र मोदी का पूरा नाम (full name)नरेंद्र दामोदर मोदी
नरेंद्र मोदी की पार्टी का नाम (Party name)भारतीय जनता पार्टी (BJP)
नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय (biography)नीचे पढ़ें
नरेंद्र मोदी का जन्म कब हुआ (DOB)17 सितंबर 1950
नरेंद्र मोदी के बारे में पूरी जानकारी हिन्दी में

नरेंद्र मोदी के बारे में जानकारी (About Narendra modi in hindi )

नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी अब तक लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने हैं और वाराणसी से लोकसभा सांसद भी चुने गए हैं नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत  में जन्मे पहले व्यक्ति हैं इसके पहले वे 7 अक्टूबर 2001 से 22 मई 2014 तक गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 

 नरेंद्र मोदी  बीजेपी यानी (भाजपा) भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ r.s.s. के सदस्य हैं । 

नरेंद्र मोदी से संपर्क | नरेंद्र मोदी से बात कैसे करें

नरेंद्र मोदी से बात करनी है या आपको नरेंद्र मोदी से बात करने का नंबर चाहिए तो आप नीचे दिए गए narendra modi contact number से कान्टैक्ट कर सकते हैं ।

ई गवर्नेस की website और नमो ऐप से भी आप अपने प्रधानमंत्री (Pm. narendra modi) से जुड़े रह सकते हैं

Email के जरिए नरेंद्र मोदी से contact करना या अपनी बात पहुचना

“connect@mygov.nic.in narendramodi1234@gmail.com पर ईमेल भेजर बात कर सकते हैं या pm को ईमेल कर सकते हैं “

नरेंद्र मोदी को अपना चिट्ठी किस पते पर लिखें और पहुचाएं

“वेब इनफार्मेशन मैनेजर , साउथ ब्लॉक , रायसीना हिल्स , नई दिल्ली , पिन 110011.” आप इस पते पर नरेंद्र मोदी को चिट्ठी पहुंचा सकते हैं

नरेंद्र मोदी से बात कैसे करें मोबाईल नंबर से

यहाँ दिए गए फोन नंबर से आप नरेंद्र मोदी से बात कर सकते हैं – 011-23015603 , 011-23018939, 011-23018668 पर संपर्क करें

गुजराती परिवार में पैदा हुए पीएम नरेंद्र मोदी

वडनगर के एक गुजराती परिवार में पैदा हुए पीएम नरेंद्र मोदी अपना बचपन अपने पिता की चाय बेचने मैं मदद करने में बिताया और बाद में खुद का स्टॉल लगाया।  8 साल की उम्र में नरेंद्र मोदी आरएसएस से जुड़े और लंबे समय तक आर एस एस की सेवा की। 

 स्नातक की degree पाने के बाद उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और 2 साल तक भारत भर में यात्रा की इसके अलावा उन्होंने अनेकों धर्म केंद्रों (religious center) का दौरा किया 1969 से 1970 में वह Gujarat लौटे फिर अहमदाबाद गए 1971 में वेयर आर एस एस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता हो गए 1975 में पूरे देश भर में आपातकालीन स्थिति के समय उन्हें कुछ समय के लिए अज्ञातवास में भी जाना पड़ा ।

1985 में वह पहली बार भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और 2001 तक पार्टी पद के कई पदों पर कार्य किए उसके बाद वे धीरे-धीरे भाजपा (BJP) के सचिव पद पर पहुंच गए। 

Narendra Modi देश के सबसे लोकप्रिय नेता

जब नरेंद्र मोदी गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री हेतु गुजरात की जनता ने उनके कामों के लिए लगातार चार बार गुजरात का मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बनाया गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान (political science) में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने वाले श्री नरेंद्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेता में से एक हैं। 

 अटल बिहारी वाजपेई की तरह Narendra modi भी एक राजनेता और कवि हैं गुजराती भाषा के अलावा हिंदी भी जानते हैं और कविताएं भी लिखते हैं।  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विपक्ष वाली पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 अभूतपूर्व सफलता हासिल की नरेंद्र मोदी एक सांसद के रूप में उत्तर प्रदेश की संस्कृति वाराणसी और गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा ।

और दोनों जगह से जीत दर्ज की उनकी राज्य में भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एवं बुनियादी सुविधाओं पर खर्च तेजी से बढ़ा है नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग को हटाकर नीति आयोग का गठन किया। 

नरेंद्र मोदी का जन्म कब और कहाँ हुआ था? | नरेंद्र मोदी का परिवार | नरेंद्र मोदी के पिता का नाम

नरेंद्र मोदी का जन्म 92 राज्य के मेहसाणा जिला में स्थित वडनगर में हुआ है नरेंद्र मोदी का जन्म हीराबेन मोदी और दामोदरदास मूलचंद मोदी के एक मीडियम परिवार में 17 सितंबर 1950 को हुआ था।  यह पैदा हुए 6 बच्चों में तीसरे नंबर के थे । 

नरेंद्र मोदी पूरी तरीके से शाकाहारी हैं और भारत पाकिस्तान (india – pakistan) के बीच दूसरे युद्ध के समय अपने काल में उन्होंने अपनी इच्छा से रेलवे स्टेशनों पर सफर करने वाले सैनिकों की सेवा की नरेंद्र मोदी युवावस्था में छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी शामिल हुए और भ्रष्टाचार विरोधी नवनिर्माण आंदोलन में भी शामिल हुए ।

अपने भाई के साथ एक चाय की दुकान खोली

इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में संगठन का प्रतिनिधित्व किया किशोरावस्था में अपने भाई के साथ एक चाय की दुकान खोली मोदी अपनी शिक्षा वडनगर में पूरी किए और फिर आर एस एस के प्रचारक भी हुए 1980 में गुजरात राजनीति में और विज्ञान में डिग्री प्राप्त की 

नरेंद्र मोदी अपने माता पिता की 6 संतानों में से तीसरे पुत्र थे बचपन में वह रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते और अपने पिता का भी हाथ बताते हैं नरेंद्र मोदी एक औसत दर्जे के छात्र से ऐसा वर्ड नगर के एक स्कूल मास्टर का कहना है लेकिन वाद-विवाद और नाटक प्रतियोगिता में मोदी की बहुत रूचि थी इसके अलावा उनकी रूचि राजनीतिक विषयों पर नई नई परियोजनाएं शुरू करने में भी थी .

नरेंद्र मोदी वाइफ नेम (Narendra modi wife name)

जब नरेंद्र मोदी 13 वर्ष के थे तब इनकी सगाई जशोदाबेन चमनलाल के साथ कर दी गई और जब नरेंद्र मोदी का विवाह हुआ तब वे मात्र 17 साल के थे कुछ रिपोर्ट की मानें तो पति-पत्नी के तौर पर यह कुछ वर्ष साथ रहकर बिताए थे परंतु कुछ समय बाद ही दोनों एक दूसरे के लिए अजनबी हो गए क्योंकि नरेंद्र मोदी ने अपनी पत्नी से कुछ इच्छा व्यक्त की थी।

नरेंद्र मोदी की शादी जरूर हुई परंतु वे दोनों एक साथ कभी साथ नहीं रहे  

 नरेंद्र मोदी की जीवनी लेखक का मानना है कि उन दोनों की शादी जरूर हुई परंतु वे दोनों एक साथ कभी साथ नहीं रहे शादी के कुछ वर्षों बाद नरेंद्र मोदी ने घर बार त्याग दिया और एक प्रकार से उनका वैवाहिक जीवन लगभग समाप्त हो ही गया । 

 4 विधानसभा चुनाव में अपनी वैवाहिक स्थिति पर खामोश रहने के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा कि अविवाहित रहने की जानकारी देकर उन्होंने कोई पाप नहीं किया है मोदी के मुताबिक एक शादीशुदा के मुकाबले विवाहित व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ जोरदार तरीके से लड़ सकता था क्योंकि उसके परिवार वालों की कोई चिंता नहीं रहती ।  नरेंद्र मोदी ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर जशोदाबेन को अपनी पत्नी स्वीकार किया है। 

 नरेंद्र मोदी के विचार (Narendra modi ke vichar)

“आतंकवाद युद्ध से भी बदतर है एक आतंकवादी के कोई नियम नहीं होते 1 आतंकवादी तय करता है कि कब कैसे कहां और किस को मारना है भारत ने युद्ध की तुलना में आतंकी हमलों से अधिक लोगों को खोया है। “

नरेंद्र मोदी ने कई बार कहा है कि यदि भाजपा की सरकार केंद्र में आती है तो व्वे 2004 में उच्चतम न्यायालय द्वारा अफजल गुरु को दी जाने वाली फांसी के निर्णय का सम्मान करेगी।  भारत के उच्चतम न्यायालय ने अफजल को 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले के लिए दोषी करार दिया था और 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी से लटका दिया गया था। 

 मुसलमानों के हित में नरेंद्र मोदी के विचार

“ नरेंद्र मोदी का कहना है मुसलमानों के समग्र विकास होना चाहिए मुसलमानों की एक कंप्यूटर और दूसरे हाथ में कुरान होना चाहिए “

लोगों ने ये भी search क्या –

नरेंद्र मोदी के कितने बच्चे हैं ?

कोई बच्चे नहीं

नरेंद्र मोदी का जन्म कब और कहाँ हुआ था

17 सितंबर 1950 , वडनगर , महेसाणा , गुजरात , भारत

नरेंद्र मोदी के पत्नी का नाम

यशोदा बेन मोदी

नरेंद्र मोदी के पिता का नाम

दामोदर दास मूलचंद मोदी

नरेंद्र मोदी का फोन नंबर

011- 23015603

नरेंद्र मोदी का पूरा नाम

नरेंद्र दामोदरदास मोदी

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