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गलती का एहसास। galti ka ehsas | hindi short story | best 5 story collection in hindi  

गलती का एहसास। galti ka ehsas | hindi short story | best story collection in hindi  -आज के लेख में आपको 5 best story collection in hindi मिलने वाली है । इन हिन्दी कहानियों को पढ़ने के बाद आप काफी समझदार इंसान बन जाएंगे । ये कहानियाँ hindi aur purani kathao से ली गई हैं । आशा करती हू आपको hindi कहानियों का ये संगम काफी पसंद आएगा । आइए शुरू करते हैं गलती का एहसास कहानी से –

गलती का एहसास। galti ka ehsas  hindi short story  best 5 story collection in hindi  

    देश के दक्षिणी प्रांत में एक Raja राज्य करता था raja बहुत जालिम था उसे एक बार अपने लिए एक महल बनवाने की सूची मजदूरों का काम बिना पैसे दिए किसानों से करवाने लगा किसानों ने उसे अपने विश्व स्वास्थ्य भी बताएं किंतु raja नहीं माना बेचारे किस desh में तो राजा के लिए काम करते और रात में अपने खेतों में महल बनकर तैयार हो गया राजा उसे महल में रहने लगा अब उसे एक नई सड़क सवार हुई .

किसानों को बुलाकर अपना महल दिखने लगा और उनसे अपनी प्रशंसा सुनने लगा किसानों ने फिर निवेदन किया कि Aajkal फैसले पकड़ तैयार हो चुकी है उन्हें काटने और उनके रखवाली करने के लिए खेतों में रहना शुरू हुआ हम बाद में अपना महल देखने के लिए आया करेंगे लेकिन raja नहीं माना आ गया ना मानने पर उसने kisano को जेल में डाल देने की धमकी देने लगा .

इसी क्रम में एक दिन एक budhe kisan दौलत राम के परिवार के बड़ी भी आ गईसबसे पहले वृद्धि दौलत राम ही राजा का महल देखने गया था राजा उसे कब से ऊंची मंजिल पर अपना कमरा दिखावाया कमर दिखाकर दौलत राम बोला है यह तो बहुत सुंदर है लेकिन एक बात है क्या बात है यदि आप इस कमरे में हो और मर जाए तो आपके नीचे कैसे लग जाया जाएगा .

आपके महल का जीना तो बहुत शंकर है यह सुनकर राजा को गुस्सा आ गया राजा ने करने की अशुभ बातें कहने वाले old daulat ram को जेल में डलवा दिया दौलत राम का बड़ा बेटा अपने पिता को छुड़ाने के लिए राजा के पास पहुंचा तो राजा ने उसे भी अपना महल दिखावाया.

 और उसे बताया कि तुम्हारे murkh pita ने कौन सी भक्ति बात कही थी यह सुनकर बेटा बोला हुजूर मेरे पिता तो खेत खलियान में काम करने वाले हैं उनके पास सामाजिक कितनी बची है वरना वे ऐसी बात नहीं करते हैं बड़े बेटे कहां सुनकर राजा खुश हो गया .

उसका विचार पूछा तो किस का beta बोला यह तो बावली बात है अगर तुम महल के इस कक्ष में मर गए तो आपको सीडीओ से निकल जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी इस कमरे में इतनी बड़ी-बड़ी खिड़कियां है कि खिड़की से नीचे जमीन पर फेंक दिया जाए उसका उत्तर सुनकर राजा गुस्से में सुलग उठा..

 उसने उसे भी जेल में डलवा दिया दोनों को छुड़वाने के लिए अब daulat ram का छोटा बेटा आयाउसने आते ही राजा से कहा हुजूर मेरे पिता और बड़े भाई में तो अकल नाम की कोई चीज ही नहीं थी.

वह हर जगह गलत सुझाव देते हैं आप चाहे मरे हुए ही क्यों ना हो खिड़की से फेकने पर तो आपको चोट लगी नीचे ले जाने के लिए आपकी लाश को टुकड़े टुकड़े करके ले जायेंगे राजा gusse से आग बबूला हो गया.

 उसने तुरंत kisan के पीछे बैठक को भी जेल में डाल दिया सारा दिन बीत गया किसान परिवार घर नहीं पहुंचा तब शाम को किस की पत्नी सर पर घास का गठन लेकर राजा के महल में पहुंची राजा ने पूछा तुम यहां घास क्यों लाई हो हमने तो घास नहीं मंगवाई थी किस की पत्नी बोली rajan आपने मेरे टीन पशु पकड़ रखे हैं यह घास मुझे उन्हें ही खिलानी है राजा समझ गया कि यह उसे किस की पत्नी है और दो युवकों की मां है .

राजा ने उसे lady को सारी बात बताई और कहा तेरे pati और दोनों बेटे बड़े मुर्ख हैं वह सही उत्तर देने का स्थान पर उल्टी सीधी बातें करते हैं राजा की बासुर का किसान की पत्नी बोली राजन इसलिए तो मैं उन्हें पशु कर रही हूं भला यह भी कोई चिंता करने की बात है कि मरे हुए raja को नीचे कैसे ले जाया जाएगा . 

अरे जुल्मी मर गया तो मर गया पीछे छूटा उसे उसी कमरे में पड़ा रहने दिया जाए हमें क्या यह सुनकर राजा को एक बार तो गुस्सा आया .

लेकिन फिर उसे अपनी गलती का एहसास हुआ राजा ने इस समय किसान और उसके दोनों बेटे को कैसे रहा कर उसे स्त्री के साथ घर भिजवा दिया उसे दिन के बाद अपने पंजाब का जुलम नहीं किया                

  बात की बात   | baat ki baat ek hindi kahani | a short story in hindi

    एक महाराज का मंत्री बड़ी बुद्धिमान थी एक के उसका देहांत हो गया उसके दो पुत्र थे बड़े ही आयु सूर्य की बस्ती और छोटे की आयु 14 वर्ष बुद्धिमान Pita ka putra भी बुद्धिमानी ही होगा ऐसा सोचकर राजा ने उसे दोनों की शिक्षा का प्रबंध किया ताकि योग्य को वह मंत्री बन सके हैं।

raja ने जिसे मंत्री बनाया था वह जानता था कि यह पद चंद्र दोनों के लिए है इसलिए उसने सोचा यदि पहले मंत्री की ईमानदारी पर किसी तरह दाग लग जाए तो राजा का मन उसकी ओर से फिर जाएगा .

और तब यह मंत्री पद मुझे हमेशा के लिए मिल जाएगा यह सोचकर नए mantri ने पुराने मंत्री के कागज पत्रों को बारीकी से देखना शुरू कर दियाबहुत मेहनत करने पर भी उसे कोई गलती नहीं मिली उसे तो जैसे पुराने मंत्री को बदनाम करने की कसम खा रखी थी . 

बड़ी मुश्किल से उसे एक पृष्ठ पर कुछ खाली जगह दिखने लगी शैतान मां के कारण उसे उसे जगह पर ₹90 पुराने मंत्री के नाम कर्ज मिले और राजा को दिखाते हुए कहा maharaj इस कर्ज की रकम अभी तक वसूल नहीं है.

 यह सुनकर raja को बहुत बुरा लगा और दुख भी हुआ कि इतने emandar और बुद्धिमान मंत्री ने ऐसा क्यों किया यदि रूपों की जरूरत थी तो मुझे बताना तो चाहिए था उसे दिन से raja का मन पुराने मंत्री की ओर से फिर गया और उसने जब तक कर्ज (loan) ना चुक जाए तब तक मंत्री ने किसी भी लड़के को मंत्री बनाने का ख्याल मन से निकाल दिया बड़े लड़के को अपने बैग में रखवाया .

और छोटे लड़के को अपने महल के रखवाया लेकर रूप में नियुक्त कर दिया जब उन दोनों को इस बात पर पता चला तो उन्हें बेहद बुरा लगा उन्हें पक्का विश्वास था कि उनके पिता ऐसा काम hargij नहीं कर सकते हैं वह इस उधर गुण में लग गए हैं कि इस कलम को कैसे धोए जाएं एक दिन मौका देखकर छोटे बेटे ने राजा से कहा महाराज आप बुरा ना मानो तो मैं एक बात पूछूं.

 राजा ने कहा हां पूछो garib होकर कहो लड़का बोला कृपया करके यह बताएं कि दुनिया में सबसे बड़ी चीज क्या चीज है राजन का मैं इसका उत्तर कल दूंगा अगले दिन राजा ने सभासदों से यही प्रश्न पूछा . 

दुनिया में सबसे बड़ी चीज क्या है (duniya me sabse badi cheez kya hai) किसी ने धन दौलत (money) किसी ने बाल बच्चे किसी ने समुद्र किसी ने पहाड़ आदि का नाम लिख लिया इस उत्तर से राजा को संतुष्ट नहीं हुआ बैग में घूमते हुए पुराने मंत्री के बड़े लड़के से भी राजा ने यही प्रश्न पूछा ladka बोला यह कौन सी बड़ी बात है.

 मैं इसका उत्तर दे सकता हूं आपके मेरे उत्तर को बदलने में pitaji के कार्य से ₹30 माफ करने होंगे ठीक है अब तुम इस प्रश्न का उत्तर बताओ दुनिया में सबसे बड़ा चीज बाकी होती है राजा इस उत्तर से संतुष्ट हो गया उसने दूसरे दिन यही बात छोटे लड़के को बता दी लड़का बोला maharaj यह तो बताइए की बात रहती कहां है .

राजा film चक्कर में पड़ गया उसने कहा मैं इसका उत्तर कब दूंगा राजा ने यही प्रश्न फिर सभासदों के सामने रख दियाराजा महाराजाओं के यहां बतलाया कि और कहीं कोई भी उत्तर राजा को संतुष्ट नहीं कर सकता दूसरे दिन जाकर राजा ने मंत्री के बड़े लड़के से फिर पूछा maharaj में बतला सकता हूं लेकिन आपको फिर मेरे पिताजी के कर्ज में ₹30 माफ करने होंगे .

राजा द्वारा शर्त मान लेने पर लड़का बड़ा दुनिया में सबसे बड़ी चीज होती है बात वह कुलीन लोगों के पास होती हैं यह सुनकर राजा संतुष्ट हो गया और उसने छोटे लड़के को बता दिया लड़का बोला यह बताइए कि वह खाती क्या है . 

पहले की तरह king बोला मैं इसका उत्तर कल दूंगा राजा ने राजा ने अपने सभासदों से पूछा लेकिन उन्हें कोई संतोष नहीं हुआ मैं फिर बाग के रखवाले मंत्री के bade bhai के पास चले गए हैं.

 लड़का मैं इसका उत्तर दे सकता हूं लेकिन आपके बच्चे ₹30 भी माफ करने होंगे raja ठीक है लड़का दुनिया में सबसे बड़ी चीज बात होती हैं वह कुलीन लोगों के पास होती रहती हैं और वह गम खाती हैं. 

 यह उत्तर राजा ने dil में बढ़ गया उन्होंने यह मंत्री के छोटे लड़के को सुना दिया छोटा राजन आपने एकदम ठीक कहा कृपा करके मेरे आखरी प्रश्न का भी उत्तर दे दीजिए यह बताइए की बात करती है .

राजा फिर चक्कर में पड़ गया उसने फिर हार मानकर उसे ladki के पास पहुंचा अब मेरे पिता का सारा कर्ज चुके गया है यदि आप मुझे मेरे पिता का मंत्री पद दे दे तो इस प्रश्न का उत्तर भी दे सकता हूं लड़के की बात सुनकर राजा ने सोचा कि मंत्री की पद इस लड़के के सम्मान ही buddhiman होनी चाहिए यह सोच हुए जड़ से राजी हो गए हैं .

लड़का maharaj दुनिया में सबसे बड़ा चीज क्या बात है वह खुली लोगों के पास होती हैं और गम कहते हैं अब पारस नहीं है कि वह करती क्या है सो महाराज बात वह काम करती है जो tope बंदूक भी नहीं कर सकती लाखों रुपए खर्च करने पर भी जो बात नहीं बनती वह बात की बात में बन जाती है राजा इन प्रश्नों से बहुत खुश हुआ और उसने मंत्री पद रख दिया.

 जब बड़ा लड़का मंत्री बन गया तो उसने अपने खाते को देखा तो जिस पर ₹90 उसके pita ka naam काजल के रुपए में लिखे हुए थे उसने बहुत ध्यान रखा तो पाया कि उसे लिखी हुई रकम .

और लिखावट में कुछ फर्क है मनपसंद पक्का होने पर उसने राजा को भी वहां खाता दिखाए Raja को कुछ दाल में कल नजर आया विश्वास पक्का होने पर राजा ने उसे नए मंत्री के पदों से हटा दिया और धोखाधड़ी की एग्जाम में जेल भी जाती है

बुद्धिमान लड़की। intelligent girls story in hindi | short story in hindi

 रूस में पशुओं का एक मेला लगा था दो भाई दिमित्री और aiwan भी वहां जा रहे थे दिमित्री अमीर एवं घमंडी था आई वांट garib और भला रात होने पर रास्ते में दोनों ने अपने-अपने घोड़े पेड़ से बात दिए थे और सो गए हैं उसने ब्रूनो ने दो के स्थान पर तीन घोड़े देखे हैं दोनों को बड़ा आश्चर्य हुआ वास्तव में रात को IBN की घोड़ी में है एक बच्चे को जन्म दिया जब दोनों भाइयों ने पहली बार देखा था .

वह बच्चा dimitri के घोड़े के पास खड़ा था saleem खुशी से झूम उठा बोला यह तो मेरा है मेरे घोड़े से जन्म दिया है यह सुनकर  हंसी आ गई बोला कभी घोड़ा भी बच्चे को जन्म देता है .

यह तो मेरी घोड़े की बात है दोनों भाइयों में झगड़ा हो गया वे राजा के पास गए हैं लेकिन King ने कोई निर्णय नहीं सुनाया दोनों में से जो मेरे प्रश्न का हाल एक सप्ताह के भीतर देगा वही बच्चे का मालिक होता राजा के प्रश्न थे .

विश्व में किसकी सबसे तेज गति है सबसे मोटी चीज क्या है सबसे अधिक कोमल क्या है और जीवन में सर्वाधिक मूल्यवान है.

 सलीम को प्रश्न के उत्तर नहीं आए उसने ek mahila को चांदी का सिक्का देखकर उसे उत्तर जान लिए उधर IBN को भी उत्तर नहीं आते थे वह परेशान था पिता को चिंतित देखकर आइवान के 7 साल की लड़की ने उसकी परेशानी का कारण पूछा पिता के बताने पर बोली .

राजेंद्र से कहना कि विश्व में सबसे तेज गति उत्तरी हवाओं की हैं जो सर्दी में बहती हैं सबसे मोटी चीज खेत की मिट्टी जो सभी प्राणियों को जीवनदान देती हैं सबसे कोमल वस्तु बच्चे का मधुर चुंबन है और सर्वाधिक मूल्यवान ईमानदारी है एक हफ्ते बाद दोनों राजा के दरबार में हाजिर हुए और अपने उत्तर दिए सलीम के सभी उत्तर गलत थे जबकि aiwan  के सभी उत्तर सही राजा को जब मालूम हुआ कि aiwan  को सही उत्तर बेटी ने बताए हैं .

तो उसने कहा उसे राज दरबार में लाया जाए मैं उसे मिलना चाहता हूं जब aiwan  अपने बेटी के साथ रविवार में गया तो क्या हमारे पिता सचमुच गरीब हैं क्या तू लड़की ने कर दिया हां बहुत garib हैं नदी से पक्षी और पेड़ों से मछलियां पड़कर अपना गुजारा करते हैं .

यह सुनकर Raja अचरज में पड़ गया बोला क्या कभी पक्षी नदी में और मछलियों पेड़ पर रहती हैं इस पर लड़की ने तपाक सूत दिया क्यों नहीं यदि घोड़ा बच्चों को जन्म दे सकता है तो यह क्यों नहीं हो सकता राजा लड़की के उत्तर से बहुत प्रभावित हुआ उसे aiwan को केवल घोड़ा का बच्चा दिलवाया अपनी उसकी लड़की से पुरस्कार भी दिया

अमरता का वरदान। Amarata ka vardan | bhagwan shiv shankar ki kahani

 सिंदूर पहाड़ियों में एक village था सोनपुर वहां के निवासी हष्ट पुष्ट तथा मिलनसार थे इस गांव में एक Rich person रहता था सूजन lord shiv की अन्य भक्ति करने के साथ-साथ वह गांव वासियों की तन मन और धन से सेवा करने लगा था कभी-कभी सूजन सूचक करता कि यदि वह अमर हो सकता है तो गांव वासियों की सदा सेवा करता था एक रात यही सोचते हुए सूजन को नींद आ गई.

 सपने में bhagwan shiv ने उसे दर्शन देने हुए वर मांगने को कहा सूजन के मन में संकोच था इसलिए उसने भगवान शिव से वरदान देने का वचन ले लिया प्रभु मुझे अमर बना दीजिए सूजन के मुंह से यह सुनकर shiv शौक नहीं लगे हैं . 

लेकिन वचन दे देने के कारण अब वह भी का क्या कर सकते हैं सूजन को amrit प्रदान कर पछताते हुए शिव अर्थदन हो गए हैं को अमरपा का सृजन खुशी से फुल नहीं समा रहा था.

 धीरे-धीरे उसके भीतर अहंकार (ego) पर अपने लगा इसी अंक कारण वह deshwasiyo को अपने से कुछ समझते हुए उनका अनादर करने लगा था अब वह prabhu-bhakti भी नहीं करना था एक दिन सूजन ने कुछ लोगों के सामने गांव में मुखिया के बारे में अनाप-शनाप बक दिया अपने बारे में झूठी.

 और ऊंची बातें सुनकर मुखिया क्रोध से आग बबूला होने लगा उसने अपने कुछसेवा को सूजन को लाने के लिए भेजा उन्हें देखकर सूजन भड़क गया और सेवकों को भूल बड़ा करने लगा सेवक भिताओं में आ गए और सूजन को जबरन ले जाने की कोशिश करने लगे थे इस पर सूजन आ लाठी उठाई .

और उन पर बार-बार करने लगा soojan को लाठी चलते देखा सेवक भी अपने लाठियां से उसे पर पहाड़ करने लगे थे लेकिन वह यह देखकर हैरान रहने वालों की सूजन पर उनके प्राणों का कोई भी असर नहीं होने लगा उन्हें हक्का-बक्का देख कर सूजन हंसते हुए बोला मूर्ख मुझे bhagwan shiv ने अमृत का वरदान दे दिया है

 मुझ पर तुम्हारी कोई भी वार असर नहीं करेगा यह सुनकर से सेवकों की सिटी पीटी गुम हो गई थी वह हफ्ते हुए mukhiya के पास पहुंचने थे तथा उसके सारी बात बता दी उनकी बात सुनकर मुखिया भी बहुत हैरान होने लगा वह सोचता था कि क्रोध में तो यह कुछ भी कर सकता है 

उसने एक योजना बनाई सूजन घमंड में भारत जैसे यह अपने घर से बाहर निकलने लगा तो वैसे ही उसके ऊपर mukhiya के आदमियों ने जाल फेंक दिया सूजन उसे जाल में फंस कर बेबस हो गया अब इसका क्या किया जाए मुखिया ने गांव वालों से कहा एक युवक ने अपनी राय दी हुजूर न तो तलवार इसका कुछ बिगाड़ सकती है

 और ना ही फांसी क्यों ऐसी कैद खाने में डाल दिया जाए अगर यह कैद खाने से किस तरफ बहार ने न पाए तो हमारे लिए खतरा बन जाएगा कुछ और सोने के पश्चात mukhiya ने पुनः कहा कि क्यों ना इस अंधे कुएं में फेंक दिया जाए वहां से या किसी भी तरह बाहर नहीं आ सकेगा सब ने mukhiya के बाद का समर्थन करने लगे 

और सूजन को एक अंधे कुएं में फेंक दिया गया सूजन काफी ऊंचाई से कुएं के तल पर गिरा था लेकिन अमर होने के कारण मुझे कोई चोट नहीं लगी कुछ देर तक सूजन उपाय सोचता रहा वह अकेला को मैं पढ़ा-पड़ा चढ़ता गया उसकी आंखों के सामने बार-बार अपना घर घूमने लगा akelapan उसे कचोटने वाला लगा 

अपनी करनी पर पछताते हुए वस्तु करने लगा bhagwan shiv को याद करते हुए उसकी आंखें लग गई तभी उसेलगा कि कोई उसे उठा रहा है उसने चौक जाकर खोली तो पाया कि वह अपने बिस्तर पर है और उसकी पत्नी उसे झिझोर कर उठा रही थी . 

अरे तुम नींद में क्या बना रहे हो क्या कोई बुरा सपना देख रहे हो सूजन की पत्नी ने पूछा और उसे जगह कर सपना की बातें पूछने लगी है

 Prabhu तेरा लाख-लाख सूख रहा है कि तूने मुझे सपने में हक के दिखाकर shankar से बचा लिया मैं अब कभी भी अमर होने का मुंह नहीं करूंगा सूजन के हाथ जोड़ते हुए कहा सूजन की पत्नी कुछ समझ पाने के कारण गणपति को हराने से देख रही थी

पंडित की चतुराई। Pandit ki chaturai aur kadorimal ki kahani

  किसी गांव में एक सेट रहते थे karodimal वह नाम के बिल्कुल विपरीत है यानी बहुत canjoos है वह एक पैसा बहुत ही मुश्किल से खर्च करते थे 3 साल पहले उनके पिता का स्वर्गवास हो गया था. कंजूस सहभागी होने से पिता का क्रिया कर्म जैसे दशक किया 12 होने तक वे राज्य रिश्तेदारों से भोजन करने को कहते थे.

 लेकिन उनके Conjus स्वभाव से परिचित अधिकतर रिश्तेदार डाल जाते हैं जैसे तैसे हो गया वर्ष भर बाद शेर को पिताजी का श्राद्ध करने था उन्होंने पंडित जी को बुलाकर सारी बात बताना शुरू कर दी पिता का श्राद्ध करने की सामग्री पूछी pandit जी ने एक कागज पर सारी सामग्री लिखकर दी कागज देखते ही karodimal के होश उड़ गए हैं पिताजी को श्राद्ध करने के लिए बहुत रुपया खर्च करना होगा .

वह सोचने लगे कि किसी तरह यह बात चल जाए रात को karodimal पलंग पर लेटे-लेटे बार-बार पिताजी की सूरत उनके सामने घूम रही थी जैसे वह कह रहे हैं मैं लाखों करोड़ों की धन दौलत छोड़कर ऊपर आ गया हूं तूने मेरा क्रिया कर्म ढंग से नहीं किया अब मेरा साथ करने के नाम से पसीना आने लगा है .

तुझे सुन अगर तूने यह काम भी ऐसे वैसे बिना मन से किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा karodimal हावड़ा गए उन्होंने आसपास देखा तो कोई नहीं दिखा वह मन ही मन सोचने लगे मेरे बहन ही मुझे डरा रहा था वरना एक बार स्वर्ग सुधारने के बाद कोई इस तरह से थोड़े नहीं आता है मैं ek bramhan को उसे दिन भोजन करवा दूंगा .

और जो बन पड़ेगा वह दे दूंगा उन्होंने Pandit जी को बुलाकर सारी बात बताने की सोचा उसे दिन भोजन पर आने के लिए वह कह दिया पंडित जी खुश होकर चले गए श्रद्धा वाले दिन पंडित जी सुबह से ही कोई माल के यहां पहुंच गए थे सेठ जी जल्दी से आने के कारण पूछा तो पंडित जी हंसते हुए बोले सेठ जी मुझे अपने यहां भोजन पर बुलवाया है मैं दिन भर यही रहूंगा .

क्योंकि shradha के दिनों में जो कोई हमें भोजन करवाने के लिए बुलाता है मैं दिन भर उसके यहां ही रहता हूं सुनो मैं जो मांगूंगा खिलाना होगा आप तैयारी कर लीजिए इसी शेष राशिफल होता है.

karodimal को पहले तो बहुत गुस्सा आया लेकिन Pita ji के दर से पंडित जी की बात मान ली अब तो पंडित जी हर 10 – 15 मिनट के अंदर कोई वस्तु की मांग करने लगे जब भी वह कोई मांग करते हैं सिर्फ परेशान हो जाता था .

Man में सोचता मैं कभी कहा मुसीबत मोल ले ली इस धक्के मार कर घर से बाहर फेंक दूं है bhagwan किसी तरह मुझे इस बल से मुक्ति दिलाओइस तरह पंडित जी ने सेट करवाई माल को बहुत परेशान करता था रात होने पर Pandit ji ने जमकर भोजन किया और जोर से डकार ली यह देख सेट समझा कि अब इस बाला से मुक्ति मिले लेकिन उल्टा हो गया.

Pandit ji सेठ से पलंग पर जाकर लेट गए यह देख सेट को बहुत गुस्सा आया अब तो सारा काम हो गया था ना पर अब घर जाइए पंडित जी हंसते बोले हैं सर जी आपको मुझे भागना ही है तो धक्के मार कर भाग दीजिए मैं ऐसे नहीं जाऊंगा खाली हाथ भेजोगे क्या यह सुनकर करौली माल gusse में बोला दिन भर मुझे परेशान करते रहे

 और अब भी मुझे कुछ पाने की आस लगाए बैठे हो मैं तुझे आज कुछ भी नहीं देने वाला हूं चुपचाप यहां से चले जाओ वरना मार मार कर करवा दूंगा पंडित जी हंसने लगे इसी भी सेट अपने हाथों में लाठी लेकर आया जो ही उसके और बड़ा की pandit ji जोर से चिल्लाया मेरे bete तू मुझे ही भटकना चाहता है

 मैं तो भड़कता रहूंगा लेकिन तुझे भी चैन से जीने नहीं दूंगा अब से तू चैन से खा पी न सकेगा ना चैन से बढ़ेगा मेरी तरह तू भी भड़कता ही रहेगा Pandit ji के मुंह से यह बात सुनकर कोई करने लाठी एक और रख दी और उनके पैरों पर गिरकर udas मन से बोल पंडित जी आप जो कहेंगे मैं करने को तैयार हूं

 आप मुझे Paap का भाग्य न बनने दें यह कक्कड़ koshimal एक और बैठ गया जब थोड़ी देर में पंडित जी जाने लगे तो सेठ ने रोकते हुए बोले आप कल फिर आएगा दूसरे दिन पंडित जी करोड़ी मां के घर पहुंचने वाले थे कि सेठ ने उन्हें भोजन कराया और तिलक करके dhoti kurta गमछा टोपी थाली कटोरी गिलास चम्मच .

और मेरे मिष्ठान दिए उन्हें ऐसा लगा जिससे उनके पिताजी तीर्थ हो गए हैं पंडित जी आशीर्वाद देकर चले गए हैं

बटवारा।  Divided ek hindi story | a short story in hindi (5 stories collection)

 एक समय की बात है अरावली के जंगल में Gullu नाम का एक भावना रहता था उसके तीन बेटे थे gitttu , bittu और kittu , Gullu बना जूते काटने का काम करता था चमड़े के जूते पर कौन सी दरी करने में उसका कोई मुकाबला ना था वह सप्ताह में 6 दिन खूब मेहनत से jute बनाया करता था और सातवें दिन जंगल से कुछ ही दूरी पर लगने वाले बाजार में विजय आता था .

एक दिन अचानक Gullu बना बहुत bimar हो गया बेटों ने उसकी खूब सेवा की एक दवा से कोई लाभ न हुआ उसे लगा कि उसका अंतिम समय समीप आ गया है उसने अपने तीन बेटों से कहा अब मैं ज्यादा दिन जीवित नहीं रहूंगा इसके लिए मेरे पर जो कुछ भी है मैं अपने सामान ही तीनों में बांट देना चाहता हूं

 जिससे मेरे बाद कोई लड़ाई झगड़ा ना करता रहे पिताजी आप ऐसी बातें ना करें आप ठीक हो जाएंगे हम बड़े से बड़े doctor के यहां आपका इलाज करा देंगे bittu बने ने दुखी होते हुए कहा पिताजी ऐसी बातें सुनकर बिट्टू और किट्टू की भी आंखें भर आई बच्चों मैं जानता हूं कि तुम मुझे बहुत प्यार करते हो

 लेकिन सच्चाई को हमें स्वीकार करना ही पड़ता है गुल्लू बने ने अपने बेटों को सिर पर हाथ फेरा और दोबारा अपनी बात पर आ गया हां तो मेरे बच्चों मेरे पास कोई लंबी चौड़ी संपत्ति तो है नहीं संपत्ति के नाम पर मेरे पास कुछ dhan – daulat है एक या घर है.

और एक मेरी hutr काटने की कला है मैं चाहता हूं कि तुम तीनों ऐसे ही मेरी कला सीखना शुरू कर दो मेरे बाद मिलजुल कर कम करो और इसी घर में आराम से रहो अपनी kamai दौलत को मैं तुम तीनों में बराबर बराबर बांट दूंगा 

क्या तुम सब मेरी बात से सहमत हो पिताजी हम आपके बेटे हैं आप आपके पास तीन ही चीज हैं आप हम तीनों को इच्छा अनुसार एक एक चीज दे दें Gittu बौने ने कहा तो बिट्टू ने भी उसका समर्थन किया kittu तुम क्या चाहते हो उसकी और देखते हुए पिता Gullu बने ने पूछा तो वह बोला.

Pitaji आप और दोनों भैया जो चाहे वही करें आप सबका फैसला मुझे स्वीकार होगा ठीक है बेटा Gittu तुम क्या लेना चाहते हो जी मुझे तो वह sundar सा घर दे दीजिए इसमें हमारी बचपन की यादें बसी हैं उन्हीं के सहारे में हंसी-खुशी जीवन काट लूंगा पिताजी आप मुझे अपने सारे दौरा दे दीजिए

 मैं अपने बुद्धि से उसे और बड़ा लूंगा और उसे दौलत से जिंदगी के सारे दुख सुख खरीद लूंगा ठीक है मैं अपनी दौरा तुम्हें देता हूं फिर gullu बने ने किट्टू की ओर देखते हुए कहा बेटे किट्टू अब मेरे पास केवल मेरी कला है पिताजी मुझे भला और क्या चाहिए आप मुझे अपनी कला सिखा दीजिए मैं आपके जैसे सुंदर jute बनाकर नाम के वह अमर रखूंगा ठीक है मैं तुम्हें अपनी कला सिखा दूंगा

 मेरे पास सारे auzar तुम्हारे होंगे यह कह कर अगली दिन गुल्लू बने ने अपने बेटे किट्टू को जूते बनाने की कला सीखना शुरू कर दी अब वह बहुत sundar jute जूते बनाने लगा अब सभी संतुष्ट थे पिता gullu अपने बेटों को उनकी मनपसंद चीज देकर खुश हो गया और तीनों बेटों अपनी मन चाहे चीज पकड़ खुश थेएक दिन अचानक भूकंप आया बिट्टू बने का घर पुराना था 

इसलिए bhukamp के सको को सह ना सका देखते ही देखते उसके दीवारें हो गई bittu बने ने किसी तरह दौड़कर अपनी जान बचाई इस भूकंप में वह बहुत से लोगों के घर गिर गए हैं चारों ओर भागा दौड़ी मची थी इसी बीच कुछ कर बिट्टू बनने के घर में घुस गए हैं 

और उसकी सारी धन दौलत चोरी चली गई kittu बहनों को जैसे ही अपने दोस्तों भाइयों की दुर्दशा का पता चला वह दौड़ा दौड़ा उसके पास पहुंचा और उन्हें अपने घर ले आया अपने भाइयों के बाद सुनकर Kittu बना बोला आज आप दोनों को अपनी galti का एहसास हो गया यही काफी है 

Pitaji चाहते थे कि हम तीनों उनकी कला को सीखें मिलजुल कर रहे हैं आज से ही मैं आपको jutaa बनाने की कला सीखना शुरू कर दूंगा इसी में हम सब की भलाई है

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