Inspirational Story Hindi – Thomas Edison

Inspirational Story in Hindi Thomas Edison – सफलता पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए इस पोस्ट में मैं आपको सफल बनने के लिए क्या करें , क्या नहीं करना चाहिए इसके बारे में बताऊंगी , बात करते हैं कहानी के बारे मे जो सच्ची कहानी है  थॉमस आल्वा एडिसन (thomas editson) की जिन्होंने बहुत बड़ी सिद्धि हासिल की एक ऐसा व्यक्ति जिसका कर्जा हम लोग कभी नहीं चुका सकते ।

सबसे ज्यादा साइंटिस्ट की खोज जीसके नाम पर है वह माइकल फैराडे है जिसने बिजली की शोध की मगर लाइट को कन्वर्ट करने के लिए जो जहमत उठाई है वह थॉमस अल्वा एडिसन ने की । ये भी पढ़ें – आचार्य चाणक्य की एक कहानी के बारे में जानिए

Inspirational Story in Hindi – Thomas Edison की कहानी .

Adison ने बिजली का बल्ब बनाने का काम चालू कीया । शुरुआत में वह रात दिन काम ही करते रहे क्योंकि इतना प्रयास किया पर हर बार उनको सफलता नहीं मिली मगर “एडिसन हार मानने वालों में से नहीं थे” एक हजार से भी ज्यादा प्रयास किया फिर भी वह बिजली का बल्ब नहीं बना सके कुछ पत्रकार उनसे मिलने आए वे लोग एडिशन  को कहने लगे आपको बिजली का बल्ब बनाने का ख्याल छोड़ देना चाहिए ।

एडिसन ने बहुत ही मजेदार जवाब दिया मुझे क्यों प्रयास छोड़ना चाहिए आप बता सकते हैं तो पत्रकार ने कहा आपने एक हजार से ज्यादा प्रयास किया मगर हर बार सफल नहीं रहे इसलिए आपको यह काम छोड़ देना चाहिए एडिसन ने भी हंसते हुए जवाब दिया अरे अगर मेरी दृष्टि से आप देखेंगे तो मैं सफल नहीं हूं ।

हां !यह सच है कि एक हजार बार प्रयास करने के बाद भी मैं बिजली का बल्ब नहीं बना पाया इसका अर्थ यह नहीं है कि मैंने जो 1000 बार प्रयास किया बिजली का बल्ब बनाने के लिए तो आगे कोई बना ही नहीं पाएगा शायद मेरी बात को शोध करें संशोधन हो और बिजली का बल्ब बनाए तो उनको एक हजार बार प्रयास करने की जरूरत नहीं होगी मैं उन लोगों का इतना काम कम कर रहा हूं ।

अब आप बताइए कि मैं इस में कैसे सफल नहीं हूं पत्रकार जो आए थे एडिशन का आत्मविश्वास देखकर खड़े होकर वहां से चलने लगे ये भी पढिए – अपने लक्ष्य को प्यार से हासिल करें और कामयाब बनिए

एडिसन ने अपने प्रयत्न चालू ही रखें उसी प्रयत्नों की बदौलत आज हम और पूरा विश्व उजाले में है इसी बात पर हरिवंश राय बच्चन कि यह लाइन याद आ जाती है” लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती”

हम लोग जो भी निर्णय करें हमारा जो लक्ष्य है उसमे ही हमें आगे बढ़ना चाहिए उसको पकड़े रहना चाहिए दुनिया क्या कहती है लोग क्या कर रहे हैं इसकी हमें परवाह नहीं करनी चाहिए यह सब छोड़कर आप सिर्फ अपने रास्ते पर आगे बढ़े तो “सफलता खुद आपके सामने आएगी” बस इसी बात पर मैं थॉमस अल्वा एडिसन का यह किस्सा समाप्त करती हूं आशा है आप लोगों को यह पोस्ट पसंद आई होगी

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