चाणक्य के बारे में | Shorts stories in hindi 

चाणक्य के बारे में | Shorts stories in hindi -आज मैं आपको चाणक्य के बारे में (Chankya ki kahani) बताना चाहती हूं चाणक्य जो हमेशा अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल करने के लिए जाने जाते हैं तो चलिए शुरू करते हैं कहानी बात उन दिनों की है जब चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य (chandragupt) के मंत्री का काम करते थे .

एक दिन शाम के समय चाणक्य खुद के घर पर कोई काम कर रहे थे उसी दौरान चीन का एक आदमी भारत (india) आया हुआ था .

चाणक्य के बारे में | Shorts stories in hindi 
चाणक्य के बारे में | Shorts stories in hindi 

Chankya बहुत व्यस्त रहते हैं 

और चाणक्य की प्रशंसा सुनकर चाणक्य को मिलने आ गया चाणक्य इतना काम में व्यस्त थे कि चीन के व्यक्ति को मिलने के लिए राह देखनी पड़ी चाणक्य ने मुलाकाते को कहा कि थोड़ी देर रुक की है विनती की कि मैं अपना काम करके आपसे बात करूंगा और इतने में वह काम में लग गए सब काम पूरा हुआ .

तो चाणक्य है दूर बैठे हुए चीन (china) के व्यक्ति को बुलाया और दोनों बात करने लगे उसी समय चाणक्य (Chanakya) का नौकर आता है एक अधिया लेकर बात कर रहे होते हैं .

और चीन का व्यक्ति तब नौकर दूसरा दिया जला रहा था नौकर ने पहले दिए की जगह पर नया दिया जो लाया था वह वर्क देता है और पुराने दिए को फूंक मारकर बंद कर देता है .

चाणक्य का मस्त जवाब 

चीन का जो व्यक्ति आया था वह देखकर इतना दंग रह गया वह पूछे बिना रहा नहीं गया उससे और पूछ रहा था कि यह क्या पुराना दिया बंद कर दिया नया दिया जलाया यह क्यों एक तो पहले से ही चल रहा था उसको क्यों बंद किया तब चाणक्य उसे बहुत ही मस्त जवाब देते हैं कहते हैं कि देखो आप जब मुझे मिलने आए थे तब मैं राज्य का काम कर रहा था क्योंकि मैं एक मंत्री हूं तो मुझे राज्य का काम करना पड़ता है .

राज्य का तेल 

और सब जो दिया जल रहा था उसके तेल का खर्च राज्य उठा रहा था पर अभी आपसे बात कर रहा हूं यह राज्य का तो कोई काम नहीं है मेरा काम है तो इसलिए मैं राज्य का तेल मेरे अंगद काम कर ले नहीं चला सकता मेरे नौकर को पहले से ही सूचना मिली हुई है .

कि जब मेरा कोई पर्सनल काम चल रहा हो तब राज्यों का जो दिया है जो खर्च राज्य भुगत रहे उसका दिया है वह बंद कर दे और नया दिया चालू करो तेल मेरे पगार से जाता है । 

काम के प्रति ईमानदार चाणक्य 

चीन का जो व्यक्ति आया था उतना दंग रह गया और सोच ने लगा कि सच में जो मैंने चाणक्य के बारे में जो सुना है वह सच में ही सही है कि वह अपने काम के प्रति बहुत ही इमानदार है इसीलिए तो चंद्रगुप्त मौर्य के मंत्रियों में सबसे प्रिय मंत्री और सबसे काबिल मंत्री भी शायद कोई होगा चाणक्य के सिवाय. 

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