Vishwa Adivasi Diwas 2023 – विश्व आदिवासी दिवस कब , कैसे और क्यों मनाया जाता है

Vishwa Adivasi Diwas in hindi 2023 kyu manaya jata hai .और विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है आदिवासी दिवस सम्पूर्ण का ज्ञान । विश्व आदिवासी दिवस ( International Day of the World’s Indigenous Peoples), 

विश्व आदिवासी दिवस

आदिवासी आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष ‘9 अगस्त ,को विश्व के आदिवासी लोगों का international day मनाया जाता है। 

यह घटना उन उपलब्धियों और योगदानों को भी स्वीकार करती है जो आदिवासी लोग पर्यावरण संरक्षण जैसे विश्व के मुद्दों को बेहतर बनाने के लिए करते हैं। यह पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में घोषित किया गया था।

Vishwa Adivasi Diwas 2023 – विश्व आदिवासी दिवस कब , कैसे और क्यों मनाया जाता है

1982 में मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की मूलनिवासी आबादी पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की पहली बैठक का दिन।

इसे भारत के आदिवासियों द्वारा धूम धाम से मनाया जाता है, जिसमें रास्तों पर रैली निकाली और मंच में झामाझम कार्यक्रम मनाया जाता है। फ्रेंडशिप कब और क्यों मनाया जाता है

आदिवासी” (Indigenous peoples) 

शब्द का प्रयोग किसी भौगोलिक क्षेत्र के उन निवासियों के लिए किया जाता है। संसार के विभिन्न भूभागों में जहाँ अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग क्षेत्रों से आकर लोग बसे हों उस विशिष्ट भाग के प्राचीनतम अथवा प्राचीन निवासियों के लिए भी इस शब्द का उपयोग किया जाता है। “इंडियन” अमरीका के आदिवासी कहे जाते हैं और प्राचीन साहित्य में दस्यु, निषाद आदि के रूप में जिन विभिन्न प्रजातियों समूहों का उल्लेख किया गया है।

आदिवासी का मुल नाम | Adiwasi ka mul naam

 आदिवासी वंशज भारत में बहुत पहले से रहते हैं। आदिवासी के समानार्थी शब्‍दों में ऐबोरिजिनल, इंडिजिनस, देशज, मूल निवासी, जनजाति, गिरिजन, बर्बर आदि प्रचलित हैं। इनमें से हर एक शब्‍द के पीछे सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ हैं।

1982 में मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की मूलनिवासी आबादी पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की पहली बैठक का दिन।

इसे भारत के आदिवासियों द्वारा धूम धाम से मनाया जाता है, जिसमें रास्तों पर रैली निकाली और मंच में झामाझम कार्यक्रम मनाया जाता है।

सामाजिक कार्यकर्ता के अनुसार- “आदिवासी भारत भूमि का इंडिजिनियस एबोरिजन आदिवासी गणसमूह है जो अरवल्ली के विंध्याचल सातपुड़ा सह्याद्री पर्वत माला और चंबल, बनास ,लूनी ,साबरमती ,माही, नर्मदा तापी, गोदावरी नदियों की उत्पत्ति काल से भारत की मूल मिट्टी पानी आबोहवा  में जन्मा उपजा मूलबीज मूल वंश है।”

अंतर्राष्ट्रीय विश्व आदिवासी दिवस

विश्व के आदिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में घोषित किया गया था, जिसे हर साल विश्व के आदिवासी लोगों के पहले अंतर्राष्ट्रीय दशक के दौरान मनाया जाता है। 2004 में, असेंबली ने “ए डिकैड फ़ॉर एक्शन एंड डिग्निटी” की थीम के साथ, 2005-2015 से एक दूसरे अंतर्राष्ट्रीय दशक की घोषणा की।

 आदिवासी लोगों पर संयुक्त राष्ट्र के संदेश को फैलाने के लिए विभिन्न देशों के लोगों को दिन के अवलोकन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। गतिविधियों में शैक्षिक मंच और कक्षा की गतिविधियाँ शामिल हो सकती हैं ताकि एक सराहना और आदिवासी लोगों की बेहतर समझ प्राप्त हो सके।

23 दिसंबर 1994 को  संयुक्त राष्ट्र महासभा ने निर्णय लिया कि विश्व के आदिवासी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दशक के दौरान अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 9 अगस्त को मनाया जाएगा। पहली बैठक के दिन, 1982 में मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की आदिवासी आबादी पर अंकन का दिन है।

आदिवासी रीति रिवाज | adiwasi logo ka riti riwaj

 आदिवासी लोग एक दूसरे को मिलने पर जोहार शब्दों का प्रयोग करते हैं क्योंकि यह लोग प्रकृति प्रेमी है और हमेशा प्रकृति को ही अपना सब कुछ मानते हैं यह हेलो पहले से ही अपना जुड़ाव प्रकृति के साथ रखना चाहते हैं जैसे कि कुछ नया धान खेत में होते ही लोग उसकी पूजा करते हैं और देवी देवताओं को भोग लगाते हैं उसके बाद ही वह ग्रहण करते हैं कोई भी जीव को मारने का आदिवासी लोगों का रिवाज ही नहीं है

आदिवासी लोग संयुक्त परिवार में मानते हैं जिसमें माता पिता और घर के दादी दादा सभी निर्णय लेते हैं

आदिवासी त्योहार | adiwasi logo ka festival

निवासी लोग अपने त्योहार बहुत ही धाम धूम से मनाते हैं उसमें नाच गाना आधी रहता है जब वे लोग होली आती है बहुत ही नाच गान के साथ होली को मनाते हैं और रंगों से बहुत ही अच्छी तरह से खेलते हैं दिवाली पर अपने-अपने रिवाज के अनुसार एक दूसरे के घर जाकर अच्छे से मनाते हैं

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