कल कौन सी एकादशी है , कथा , क्या करें , कैसे करें | How to ekadashi

kal kon si ekadashi hai ;अगर हम दिल से माने तो हर महीने में जो एकादशी आती है वह सभी इतनी पवित्र है| मगर इस बार जो अधिक श्रावण है उसमें जो एकादशी आती है वह बहुत ही पवित्र एकादशी होती है |उसी के बारे में आदमी ए पोस्ट में जानेंगे|

हिंदू धर्म में श्रावण मास को बहुत ही पवित्र माना जाता है| क्योंकि यह भगवान शिव का महीना कहा गया है| श्रावण माह में जो भी पूजा अर्चना करते हैं, या तो भगवान का दूध या जल से अभिषेक करते हैं तो उसका बहुत ही फल मिलता है|

हर 3 साल पर एक बार अधिक मास आता है| अधिक श्रावण मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है| इस पर एक बहुत ही अच्छी कहानी बताई गई है|

kal kon si ekadashi hai - कल कौन सी एकादशी है

एकादशी की कथा- ekadashi ki katha in hindi

सूर्यवंश और चंद्रवंश चंद्र वर्ष में हर साल में कम से कम 10 दिन बढ़ जाता है| चंद्र वर्ष में बढ़ते हुए दिन को जुड़ने के लिए हर 3 साल के बाद एक अधिक मास बढ़ जाता है एक अधिक महीना बढ़ जाता है|

जब यह बड़ा हुआ महीना लेने की बात हुई तो सूर्य देव और चंद्र देव ने मना कर दिया तभी सभी देव भगवान विष्णु के पास गए और कहा कि भगवान यह अधिक मास जो आ रहा है वह आप ग्रहण करें|

भगवान विष्णु ने यह बात स्वीकार कर लिया और अधिक श्रावण (adhik sranvan) मास जो आता है वह पुरुषोत्तम मास के तौर पर अपना लिया|

इसी अधिक श्रावण मास में आने वाली एकादशी बहुत ही पवित्र होती है क्योंकि यह 3 साल के बाद एक बार आती है |इसीलिए इस एकादशी का बहुत ही महत्व बताया गया है|

एकादशी पर क्या करना चाहिए( padmini ekadashi par kya kare)

29 जुलाई 2023 को आ रही है पवित्र एकादशी| इस दिन अगर आप उपवास पूजा-पाठ करो तो पूरे साल में जितनी भी एकादशी है सब का फल एक ही एकादशी में मिल जाता है| आपको धुन भजन सत्यनारायण भगवान की कथा यह सब करना चाहिए| अधिक श्रावण मास की सुध पक्ष की एकादशी को कमला एकादशी कहते हैं|

यह पुरुषोत्तम मास की प्रथम एकादशी होने के कारण पुरुषोत्तम भी कहते हैं 3 साल में एक बार या एकादशी आने से इसका बहुत ही महत्व है हिंदू कैलेंडर के अनुसार पुरुषोत्तम एकादशी व्रत अधिक मास में आती है .

यह व्रत का शास्त्रों में बहुत ही बड़ा महत्व माना गया है एकादशी पर भगवान विष्णु का व्रत और पूजा और नियम का पालन करने का कहा गया है

कैसे करें एकादशी? ekadashi vrat kaise kare

पूरा दिन उपवास रखना है सुबह को पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना है उसके बाद भगवान विष्णु का स्मरण करना है| भगवान शंकर के मंदिर जाकर एक लोटा जल का चढ़ाना है| सफेद कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर भगवान राधा कृष्ण की छवि रखें,

और आगे चावल रखे चावल के ऊपर सुपारी रखें, पास में तेल का दिया और अगरबत्ती करें, उसके पास में तांबा का कलश रखे और राधाकृष्णा की छवि को कुमकुम से तिलक करें उसके बाद श्रीफल चढ़ाते हैं| विष्णु सहस्त्र का पाठ करना जरूरी माना गया है|

भगवान को भोग में मिश्री लगाए, आरती करें ,प्रार्थना करें पूरा दिन उपवास करें| भजन कीर्तन करें, सत्यनारायण भगवान की कथा करें| पूजा में लिया हुआ जल दूसरे दिन पूरे घर में छिडके | और दूसरे दिन ही सारी पूजा सामग्री का विस्थापन करें|

इस तरह मन से की गई एकादशी का बहुत ही बड़ा फल मिलता है| मतलब कि जो भी आपकी मनोकामना है इच्छाएं हैं वह सब पूरी करती है यह कमला एकादशी (kamla ekadashi)|

इस प्रकार आपको पूरा दिन अच्छे से उपवास करके भगवान का भजन करना है तभी आपको कमला एकादशी का फल मिलेगा| इस दिन किसी की भी निंदा नहीं करनी है वरना हमें यह फल नहीं मिल सकता |

गुजरात में कमला एकादशी के नाम से तो तमिलनाडु में इससे पद्मिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है| तो आप भी 29 जुलाई 2023 को आने वाली कमला एकादशी करके जरूर ही फल प्राप्त करें|

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