दोस्तों आज मैं आपको अनुलोम – विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayam) का क्या है ,अनुलोम – विलोम कैसे करना है और अनुलोम – विलोम करने से क्या फायदे होते है । ये पोस्ट पढ़ने के बाद आप भी अनुलोम – विलोम करना चालू कर ही देंगे । तो हम जानेगे की अनुलोम – विलोम क्या होता है , अनुलोम – विलोम कैसे करे ,अनुलोम – विलोम करने के फायदे क्या है । तो सबसे पहले जानते है की अनुलोम – विलोम क्या है । ये भी पढिए – सूर्य नमस्कार के जबरदस्त फायदे पूरी जानकारी के साथ

अनुलोम – विलोम प्राणायाम क्या है – What is Anulom Vilom Pranayam in hindi
अनुलोम का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ होता है उल्टा । सीधा मतलब है दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है नाक का बाया छिद्र । तो ये अनुलोम – विलोम मे हमे नाक के दाये छिद्र से सांस लेते है । और नाक के बाये छिद्र से सांस छोड़ते है । अनुलोम – विलोम (Anulom Vilom Pranayam) का ये अर्थ आपको समझ मे आ गया होगा । तो अब हम जानेगे की अनुलोम – विलोम कैसे करे or Anulom – Vilom Kaise Kare –
अनुलोम – विलोम प्राणायाम कैसे करे – How to do Anulom Vilom Pranayam in hindi
आप अपनी सुविधा अनुसार पद्मासन मे बेठकर अपने दाहिने हाथ के अंगूठे से नाक के दाये छिद्र को बंध करे और बाये छिद्र से लंबी गहरी सांस ले। फिर अपने दाहिने हाथ की अंगूठे की बगल वाली उंगलियों से नाक के बाये छिद्र को बंध करके दाहिने छिद्र से सांस छोड़े ।
फिर अपने दाहिने हाथ के उंगलियों से नाक के बाये छिद्र को बंध करे और दाये छिद्र से लंबी गहरी सांस ले। फिर अपने दाहिने हाथ की अंगूठे से नाक के दाये छिद्र को बंध करके बाये छिद्र से सांस छोड़े इस तरह बारी बारी अपने नाक के छिद्र को बंध करके सांस ले और छोड़े ऐसा आप 5 या 10 मिनट करे ।बाद मे अपनी सुविधा के अनुसार समय बढा सकते है ।
अनुलोम – विलोम प्राणायाम करने के फायदे – Benefits of Anulom Vilom Pranayam in hindi
अनुलोम – विलोम (Anulom Vilom Pranayam) करने के बहुत सारे फायदे है जो आप को helthy बना सकता है तो जानते है अनुलोम – विलोम के फायदे –
- फेफड़े storng बनते है। -ये आपके फेफड़ों पर बहुत अच्छा असर करता है । जिसके चलते आप को सांस की दिक्कत नहीं आती ।
- पूरे शरीर को शुध्द ऑक्सीजन मिलता है । – जैसे की आप ये प्राणायाम करते है तो आपको ऐसा Feel होगा की आप के पूरे शरीर मे शुध्द ऑक्सीजन है । जिसके चलते आपको पूरे दिन काम करने की स्फूर्ति मिलती है तो जरूर करे अनुलोम – विलोम।
- गठिया के लिए फायदेमंद है । -आप की जब उम्र ज्यादा हो जाती है तो आपके शरीर मे की दर्द होने लगते है जिसमे एक है गठिया तो अगर आप अनुलोम – विलोम रोज करते है तो आपके घुटनों मे गठिया नाम का रोग ही नहीं हो सकता ।
- पाचन तंत्र को अच्छा रखता है। – शरीर के सभी रोगों का घर ही पेट है जो आप खाने को सही से नहीं पचा पाए तो अनुलोम – विलोम करने से आपके खुराक को पचाने की शक्ति storng हो जाती है तो आपके शरीर मे कोई भी रोग टीक नहीं पायेगे ।
- तनाव और चिंता को दूर करता है। – आप अगर अनुलोम – विलोम (Anulom Vilom Pranayam) प्राणायाम करते है तो आपकी जो tension और तनाव को दूर कर देता है ज्यादातर बीमारी की वजह ही मानसिक तनाव है । अनुलोम – विलोम करने से आपके मन को शांति मिलती है जिसके चलते आपकी life mast हो जाएगी ।
- ह्रदय मजबूत होता है। – अनुलोम – विलोम करने से आपके heart की गति control होती है जिसके चलते आपको आगे जाके हार्ट की problem नहीं होती । तो best है की सुबह मे बस थोडा समय निकालकर अच्छी life के लिए अनुलोम – विलोम करे ।
- दमा ,शरदी ,जुकाम से बचाव होता है। -अनुलोम – विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayam) का बहुत ही बढ़िया फायदा ये है की आपको अगर साल मे एक बार भी या तो महीने मे एक बार भी शरदी , जुकाम से हम बच सकते है ।
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climax – दोस्तों आज हमने जाना की अनुलोम – विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayam) कैसे करे अनुलोम – विलोम करने के फायदे तो मुजे लगता है की आप भी जरूर ये अनुलोम – विलोम प्राणायाम करना चालू करेंगे क्यू की ये प्राणायाम बहुत ही best है हमारे जीवन के लिए ।