ज्ञानवापी मस्जिद :जज अजय कृष्णा विश्वेश ने अपने आदेश में कहा था कि ASI ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रेडार का इस्तेमाल कर इमारत के नीचे स्थित तीनों गुंबदों का सर्वे करे।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर जरूरत हो तो खुदाई भी कर सकते हैं। पूरी जानकारी लेकर कोर्ट के सामने रखें हालांकि इसमें विवादित वजूखाने को सर्वे में शामिल नहीं किया गया है।
ज्ञानवापी मंदिर में होगी खुदाई(gyanvapi mosque case)
ज्ञानवापी मंदिर में फिर से खुदाई के बाद मिलेगा सबूत
एएसआई को परिसर में अंदर जाने की अनुमति नहीं थी मगर अभी अंडरग्राउंड जाकर मशीन ही तय करेगी कि परिसर के अंडर ग्राउंड में क्या है
कोर्ट ने क्या दिया आदेश
GPR यह मशीन का इस्तेमाल करके पता चलेगा कि वाराणसी के ज्ञानवापी मंदिर के परिसर के नीचे क्या-क्या राज दफन है क्या हिंदू मंदिर तोड़कर यह जो मौजूद ढाचा है वह बनाया गया है यह जीपीआर मशीन से पता चल जाएगा
GPR क्या होता है?
GPR का पुरा नाम ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रेडार है।तकनीक पुरातात्विक साक्षयों का पता लगाने में बेहद कारगर है। इसके जरिए 20 मीटर की गहराई की सटीक जानकारियां आसानी से जुटाई जा सकती हैं। इस तकनीक में रेडार सेंसर जमीन के नीचे मौजूद ऑब्जेट से टकराने के बाद उसकी उम्र की गणना कर लेता है।
इसके साथ ही ASI ने दावा किया है कि जीपीआर के काम से वाराणसी के ज्ञानवापी मंदिर में मौजूद कोई भी ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचेगा|