अकाल का अंत। hindi short story 2024

hindi short story 2024 – बहुत पुरानी बात है किसी राज्य में सूर्य से नामक राजा राज्य करता था उसकी प्रजा हर प्रकार से सुखी थी धन्य धन्य की कमी न थी बहुत जरूरी होने पर ही प्रजा पर कर लगाया जाता था सबसे बड़ी बात यह थी कि राजा का रहन-सहन साधारण नागरिकों जैसा था उसका मानना था कि लोगों की कष्ट से की गई कमाई कन्यादान की तरह पवित्र होती हैं उसका दुरुपयोग करने वाला राजा पाप भागीदार होता है .

अकाल का अंत। hindi short story 2024

ऐसे ही इस विचारों के कारण राजा की कीर्ति दूर-दूर तक फैली हुई थी एक बार बहुत समय तक राज्य में वर्षा नहीं हुई तालाबों का पानी सूख गया कुआं में जलस्तर गिर गया पेड़ों से पेट लगाकर गिरने लगे हैं हरियाली का नाम और निशान ना रहा पशुधन आने दामों में बेचा जाने लगा जनता के लिए सही गोदाम के द्वार खोल दिए गए राजकीय संकट की घोषणा की गई और पड़ोसी राज्यों से मदद ली गई . कहानियां ही कहानियां बच्चों के लिए

hindi short story 2024 – अकाल का अंत

इंद्रदेव को रिझाने के लिए राजमहल में प्रतिदिन हवन पूजन किया जाता जगह-जगह विशेष प्रार्थनाएं होती परंतु वर्षा की बूंद भी नहीं गिरी सूखे खेत देखकर पड़ जाए दुखी थी और प्रजा को दुखी देखकर राजा है निराश था इसी दौरान राजा ने सपना देखा कि उसके राज्य में कोई एक सा व्यक्ति है जो वर्षा नहीं चाहता उसे व्यक्ति विशेष का पता लगाने का संकल्प कर राजा साधु के बेस में राज्य भ्रमण पर निकल पड़ा लोगों के अभिवादन के उत्तर में वह एक ही बात कहता है .

दीर्घायु हो इंद्रदेव प्रसन्न हो एक स्थान पर एक वृद्ध से भेंट हुई तो उसने वही वाक्य दोहराया वृद्धा ने रूकेपन से कहा ऐसा मत कहिए महात्मा जी बारिश हुई तो मैं बर्बाद हो जाऊंगी मेरा छप्पर टूटा है बारिश हुई तो बोरी बिस्तर भीग जाएगी खांसी की मरीज को कौन सा देगा राजा ने उत्सुकता से कहा दादी मां बिन बारिश जान के लाले पड़ रहे हैं ऐसे में बोरी बिस्तर किस काम के वैसे भी एक तुम्हारे पीछे सब तबाह हो यही तो उचित नहीं है वृद्धा ने गुस्सा जताया सबके तबाह होने में मुझे क्या गम यहां तो अकेली जान पर बनाई है .

राजा ने धैर्य पूर्वक उसकी दिन दशा का कारण पूछा उसने खुलासा किया कि अपनी संतान न होने के कारण उसने एक लड़का गोद लिया था एक दिन जब वह तीर्थ पर गई तो लड़का सब माल पटा लेकर चंपत हो गया राजा का अगला प्रश्न था कि उसने राज दरबार तक खबर क्यों नहीं पहुंचाई बुढ़िया ने दुखी स्वर में कहा बुद्धि घड़ी आई तो धोखा मिला राजा तक पहुंचाने के लिए पैसा और सिफारिश चाहिए .

हिम्मत की थी द्वारपालों ने अधिकार दिया | very short story in hindi

राजा चौक सिफारिश पैसा मैंने सुना है कि सूर्य सेन राजा प्रजा पलक है उसके दरबार के द्वारा सबके लिए खुले रहते हैंवृद्धा ने नयापन से कहा औरों के लिए खुले होंगे मेरे लिए नहीं एक बार हिम्मत की थी द्वारपालों ने अधिकार दिया जरूर वह भगोड़ा उसकी जेब गर्म कर गया होगा राजा ने गोरी सांस ली मेरे दरबार में रिश्वत की दस्तक मुझे खबर तक नहीं मोटे वेतन के बावजूद द्वारपालो की नियत में खोट यह शुभ संकेत नहीं है .

बात पक्की करने के लिए उसने सहज भाव से पूछा बूढी मां क्या यह बात सच है वह कम साईं महात्मा जी आपके सामने झूठ बोले तो नर्क में जाऊं राजा मेरी बोटी बोटी कटवा कर चिरको को खिला दें उसकी बात राजा तक पहुंचाने के बाद का कर राजा ने विद्या से विदा ली महल में पहुंचकर घटना कम पर विचार करने लगा लगता है बुढ़िया के बाद में दम है एक-एक शब्द आत्मविश्वास से कर रही थी .

मूसलाधार वर्षा होने लगी लोग खुशी से झूम उठे

उसने अपनी राज्यसभा की विशेष बैठक बुलाई सच्चाई का पता लगाने के लिए जासूसों की नियुक्ति की थोड़े समय में उन्होंने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिखाया द्वारपाल दोषी निकले उन्हें देश निकाल दिया गया वृद्ध के लिए घर और जरूरी सामान की व्यवस्था की गई राजा की जय जयकार हुई तभी आकाश बादलों से गिर गया मूसलाधार वर्षा होने लगी लोग खुशी से झूम उठे तथा काल का अंत हुआ

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