Best Motivational story in hindi (गांव की कहानी) जैसे ही हम वैसे ही दूसरे होंगे हिंदी स्टोरी

Best Motivational story – एक छोटा सा गांव था| गांव में एक चौराहा था और चौराहे में एक घटा दार पेड़ था| उस पेड़ के नीचे एक बुजुर्ग बैठे थे| क्योंकि वहां पर कोई काम ना हो ऐसे बुजुर्ग वही पर पेड़ के नीचे बैठे रहते थे |

Best motivational story for students in hindi

एक दिन की बात है, एक बस रुकी बस में से एक बिल्कुल अनजान आदमी नीचे उतर कर सीधे ही यह बुजुर्ग के पास आया| आकर सीधा बोलने की “लगा आप इसी गांव के हैं”? बुजुर्ग ने तो बहुत ही मान दिया बोला आइए| आगे बुजुर्ग ने ईस आदमी को कहा कि” आप तो इस गांव के नहीं लगते आप कहां से आए हैं ?आप इस गांव में नए है क्या?”

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अनजान मुसाफिर ने कहा,” मैं इस गांव में बसना चाहता हूं इसीलिए देखने आया हूं कि यहां के लोग कैसे हैं यहां के चाल चलन कैसे हैं?” और लोगों के स्वभाव कैसे हैं?”

बुजुर्ग ने मुसाफिर को सामने प्रश्न किया,” पहले आप ही बता दीजिए आपके गांव में जहां अभी आप रहते हैं वहां के लोगों के स्वभाव केसे है?”

मुसाफिर ने तो कुछ भी राह देखे बिना तुरंत ही जवाब दे दिया,” अरे!, मेरे गांव की तो बात ही ना करें, ऐसा लगता है कि पृथ्वी पर जितना ही कचरा हो सब हमारे ही गांव में इकट्ठा हुआ है|

सभी इंसान बहुत ही लालची और स्वार्थी स्वभाव का है| एक दूसरे की मदद की बात तो दूर रही कोई आगे बढ़े तो भी किसी को गवारा नहीं| इन सब लोगों से ही पीछा छुड़ाना चाहता हूं इसीलिए आपके गांव में बसना चाहता हूं|”

मोटिवेशनल स्टोरी फॉर स्टूडेंट्स | Real motivational story for students in hindi

बुजुर्ग ने बस इतना ही जवाब दिया,” भाई, इस गांव में भी आपके गांव की तरह ही लोग रहते हैं |”

थोड़ी देर में ही वहां एक दूसरा मुसाफिर आया और उसी बुजुर्ग को ऐसा ही प्रश्न किया,” इस गांव के लोगों के बारे में मुझे जानना है| लोग कैसे हैं और लोगों का स्वभाव कैसा है?”

बुजुर्ग ने भी सामने एक ही प्रश्न किया कि “तुम्हारे गांव में लोग कैसे हैं?”

जो दूसरा मुसाफिर आया था उसकी आंखों में तो आंसू आ गए और बोला,” अरे! मैं अपने गांव के लोगों के क्या बात करूं, मेरा गांव तो पृथ्वी पर का स्वर्ग है| लोग एक दूसरे के साथ बहुत ही प्यार और मदद की भावना से रहते हैं| सभी सुख और दुख: कैसा भी माहौल हो सब एक साथ ही रहते हैं| मुझे तो वह गांव छोड़ने का मन ही नहीं हो रहा है मगर धंधे के लिए मुझे वह गांव छोड़ना पड़ रहा है| मगर एक ही चिंता है कि मुझे ऐसा गांव फिर मिलेगा कि नहीं?”

बुजुर्ग ने वह मुसाफिर से कहा,” भाई, आप चिंता मत करो यह गांव बिल्कुल आपके गांव की तरह ही है| यहां के लोग भी तुम्हारे गांव के लोगों जैसे ही है”|

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इस कहानी से मैं आपको यह बताना चाहती हूं कि जैसे ही हम रहते हैं, वैसे ही हमारा स्वभाव होता है, और वैसे ही हमें आसपास के लोग भी दिखाई देते हैं| अगर हमारा स्वभाव सही रहा, सरल रहा तो हमें आसपास के लोग भी अच्छे ही लगेंगे|

जिस तरह कहानी में बुजुर्ग ने पहले मुसाफिर को यह कहा कि तुम्हारे गांव की तरह ही यहां के भी लोग स्वार्थी और लालची है| तो दूसरे मुसाफिर को यह कहा कि तुम्हारे गांव की तरह बहुत ही अच्छे लोग हैं| कहने का मतलब यह है कि हम अपने आपको दूसरों के सामने कैसा बता रहे हैं कैसा प्रेजेंट कर रहे हैं| वैसे ही लोग हमें जानते हैं|

लालच छोड़नी पड़ेगी – a short Motivational story in hindi

हम कभी ऐसी लालच में पड़ जाते हैं जहां सिर्फ हमारा नुकसान ही होता है हम सोच ही नहीं पाते हैं कि यह हम ठीक कर रहे हैं कि नहीं| बस अनजाने में हमसे ऐसी गलती हो जाती है कि हम बाद में पछताते हैं| क्योंकि कहीं मौके ऐसे आते हैं हमारे जीवन में की थोड़ी बहुत आगे की लालच छोड़कर अगर बड़ा लक्ष्य पाना है तो हमें इस तरफ आगे बढ़ना पड़ेगा|

यह कहानी इसी बात को दर्शाती है कि हमें लालच को छोड़कर मौका खोजना चाहिए|

एक बहुत ही सुंदर राज्य था| इस राज्य में जो राजा था उसकी मृत्यु हो गई थी| अब बिना उत्तराधिकारी के बिना राज्य चलाना बहुत ही मुश्किल हो गया था| ऐसे में राज्य में किसी ने कहा कि राजा का कोई उत्तराधिकारी नहीं है तो राज्य में बसने वाले लोगों में से ही जो काबिल हो उसको राज्य सौंप दिया जाए|

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राज्य के तमाम युवान लड़का और लड़कियां इसमें भाग ले सकते हैं| तकरीबन 50 लड़के और 50 जितनी लड़कियां इकट्ठा हो गई| यह सब दावेदार थे कि हम राज्य संभाल सकते हैं|

100 लोगों को बिठाकर सूचना दी गई कि कैसे आप जीत सकते हैं| तो व्यक्तियों को नगर के दरवाजे के बाहर ही बिठाकर खाने में आया कि राज्य का संचालन उसे व्यक्ति को मिलेगा जो इस दरवाजे से सामने के दरवाजे तक जाएगा| दोनों दरवाजों में 2 किलोमीटर की दूरी थी | और समय दिया गया एक घंटे का, 1 घंटे में सभी को दूसरे दरवाजे तक पहुंचना था|

पास में ही अभिनेत्री द्वारा और अभिनेताओं द्वारा डांस

सबको लगा कि यह तो हम आसानी से कर सकते हैं तो जैसे ही सूचना खत्म की तुरंत ही सब लोग भागने लगे| उसी रास्ते में एक बोर्ड में लिखा था “जरा इधर तो देखो...” पास में ही अभिनेत्री द्वारा और अभिनेताओं द्वारा डांस चल रहा था| उन लोगों के साथ डांस करने की यह 100 लोगों में से किसी को भी छूट थी| ऐसे अभिनेता और अभिनेत्री के साथ डांस करने का सबको मौका मिला तो यह मौका कोई छोड़ना नहीं चाहता था तो कई सारे लड़के लड़कियां इसके साथ डांस करने में जुट गए|

बाकी के स्पर्धक आगे बढ़ने लगे आगे जैसे ही बढ़ रहे ऐसे ऐसे रास्ते में पहले आइसक्रीम का स्टाल आया तो कहीं सारे आइसक्रीम खाने में रुक गए, थोड़े आगे चलने के बाद ड्राई फ्रूट्स आए तो लोग वह खाने में रह गए, इसके आगे जाने के बाद जूस आया तो का कई लोग जूस पीने में रुक गए, आगे बढ़े तो चॉकलेट और कहीं सारे खाने पीने के स्टॉल आते रहे जिसको जहां अच्छा लगा वहां रुक कर वह खाने लगा|

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मगर इन सब में एक ही ऐसा लड़का था जो किसी को भी ना देख कर दौड़ता ही गया| इस लड़के का नाम मोहन था |मोहन ऐसा था कि कोई भी दुकान में नहीं रुक ने के कारण सबसे पहले दूसरे दरवाजे पर पहुंच गया| इसके बाद मोहन के गले में हार पहना कर सभी ने मोहन को राजा घोषित किया|

तभी मंत्री ने मोहन को कहा कि मुझे आपको तीन सवाल पूछने हैं| मोहन ने कहा” आप पूछ सकते हैं”|

1. आपके साथ 99 लोग दौड़ रहे थे| उन लोगों ने रास्ते में कितना कुछ देखा वहां रुक गए तो आपने कुछ नहीं देखा?

इसके जवाब में मोहन कहता है कि” मैं भी सब देखा”|

2. आपको कोई इच्छा नहीं हुई?

मोहन जवाब देता है “इच्छा तो मुझे भी हुई मुझे लगा कि मैं नाचू ,खाऊं ,पीयू क्योंकि मैं भी एक इंसान ही हूं”|

3. आपने सब कुछ देखा… इच्छा भी हुई, तो आपने ऐसा क्यों नहीं किया?

मोहन बहुत ही अच्छा जवाब देता है,” मुझे जब नाचने की खान की पीने की इच्छा हुई तो मैंने अपने आप को समझाया की यह खाना पीना नाचना तो बस थोड़ी सेकंड के लिए ही है थोड़े पाल के लिए ही है| और सिर्फ आज के लिए है कल का क्या? मगर इस समय में सब त्याग करके आगे बढ़ो तो यह सब मुझे जिंदगी भर मिल सकता है| बस मैं जिंदगी भर का आनंद मिले उसे वजह से मैं आज का आनंद का त्याग किया”|

सिख

हम अपने जीवन में आने वाले मौके को ऐसे ही 99 लोगों की तरह छोड़ देते हैं| बस कुछ क्षण के आनंद या खुशी के लिए हम जिंदगी भर की खुशी को डो पर लगा देते हैं| जिंदगी में हमें इन सभी छोटी बड़ी लाल चौक दूर रखकर आगे बढ़ना चाहिए| ऐसा करने से ही हम हमारी जिंदगी का बड़ा मौका बड़ा लक्ष्य पा सकते हैं|

छोटी बड़ी खुशियां तो हमें आगे भी मिल सकती है मगर हम यह कहकर उसको छोड़ देते हैं कि कल किसने देखा है| कल किसने देखा है यह सोचकर हम अभी बस अपनी सारी जिंदगी की खुशी छोटी-छोटी बातों में लगा कर रखेंगे तो जो बड़ा लक्ष्य बड़ा अध्याय हमें प्राप्त करना है वह हम कैसे कर सकेंगे?

यह बात हमें सबको ही अपने जीवन में उतरना चाहिए| क्योंकि हम सब के जीवन में कहीं ना कहीं यह बात आती ही होगी कि छोटी खुशियों के पीछे हम इतना भागते हैं कि आगे जो बड़ी खुशी है बड़ा लक्ष्य है उसको हम पर नहीं कर सकते क्यों क्योंकि हम छोटी खुशियों में रह जाते हैं|

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