मिल्खा सिंह सन 1958 में Cardiff के कामनवेल्थ गेम्स के 440 यार्ड्स में Gold medal ,Asian Games – 1958 टोक्यो में 200 मीटर गोल्ड , 1958 टोक्यो में 400 मीटर में फिर गोल्ड , 1962 जकार्ता के 400 मीटर में , गोल्ड मैडल और 1962 जकार्ता के 4 *400 मीटर में फिर से गोल्ड मैडल लाये।
HIGHLIGHTS
- ६ स्वर्ण पदक के मालिक हैं मिल्खा सिंह
- १ रजत पदक भी है , फ्लाइंग सिक्ख के पास
- कड़ी मेहनत करते थे मिल्खा सिंह Race के लिए
इसके बाद भारत में होने वाले National Games (राष्ट्रीय खेलो) में 1958 कट्टक 200 मीटर में गोल्ड और 1958 में ही कट्टक 400 मीटर के फॉर्मेट में फिर से गोल्ड और 1964 कलकत्ता में 400 मीटर के फॉर्मेट में एक सिल्वर मेडल जीता।
मिल्खा सिंह पहली बार सुर्खियों में कब आये ?
Milkha Singh सेना में भर्ती होने की कोशिश कर रहे थे , लेकिन सन 1952 में उन्हें सेना की विद्युत्म मैकनिकल इंजीनिरिंग शाखा में शामिल होने में पहली बार सफलता पायी। एक बार जब उनके कोच हवीलदार गुरुदेव सिंह ने जब उन्हें दौड़ने के लिए प्रेरित किया , तबसे मिल्खा सिंह अपनी ट्रेनिंग कड़ी मेहनत के साथ करने लगे और सन 1956 में पहली बार पटियाला में राष्ट्रीय खेलो से सुर्खियों में आये।
Milkha Singh at age 91 year
मिल्खा सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ था ? Milkha Singh Birth Date , Place in Hindi
Milkha Singh का जन्म २० नवंबर 1929 को पाकिस्तान के पंजाब के गोविंदपुर में एक जाट परिवार में हुआ था , जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ उसी समय Milkha Singh ने अपने माँ – बाप को खो दिया और पाकिस्तान से भारत आ गए , और इसके बार उन्होंने अपने जीवन में कुछ बड़ा करने की ठानी।
![मिल्खा सिंह (Milkha Singh) se Flying sikh tak ki kahani](https://megahindi.com/wp-content/uploads/20210620_095033-300x169.jpg)
एक सक्सेसफुल धावक के तौर पर उन्होंने ने कई सारी उपलब्धि हासिल की , और 200 मीटर , 400 मीटर की दौड़ भी सफलतापूर्वक पूरी की , और इसके बाद वो भारत के सबसे सफलतम धावक बन गए। इसके अलावा मिलखा सिंह विश्व कीर्तिमान धारक भी रहे।
भाग मिल्खा भाग मूवी कौन से सन में आई थी ?
मिल्खा सिंह के जीवन के ऊपर बॉलीवुड ने एक बायोग्राफी मूवी भी बनायीं , जिसका नाम भाग मिल्खा भाग है और ये बॉलीवुड मूवी सन 2013 में आयी थी। इस मूवी में फरहान अख्तर मिलखा सिंह के किरदार का रोल निभा रहे थे।
मिल्खा सिंह कौन से खेल के खिलाडी हैं ?
Milkha Singh एक दौड़ (Race) खेल के खिलाडी है , और ऐसे दौड़ते थे , जैसे मानो उड़ रहे हों , और इसलिए इनके चाहने वालों ने मिल्खा सिंह को “फ्लाइंग सिख” के नाम से पुकारने लगे।
मिल्खा सिंह कैसे बने थे फ्लाइंग सिख ? How Milkha Singh Get The Flying Sikh Nick Name
कार्डिफ , वेल्स और संयुक्त साम्राज्य में 1958 के Commonwealth Games में Gold Medal जितने के बाद , सिख होने की वजह से जब उन्होंने अपना मेडल स्वीकार किया , तो पूरा खेल जगत उन्हें जानने और पहचानने लगा। और इसके बाद वो समय आया जिसे भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के लोग नजर गड़ा के देखना चाहते थे , उन्हें पाकिस्तान में होने वाले दौड़ में दौड़ने का invitation मिला।
सरदार मिल्खा सिंह उनके साथ जो बचपन में भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बटवारे के समय घटना हुई थी , उसको सोच कर पाकिस्तान में दौड़ने के लिए थोड़ा चिंतित नजर आये थे । लेकिन राजनैतिक कारणों के डर से उन्हें जाने को कहा गया , इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान के दौड़ में दौड़ने का न्योता स्वीकार किया।
और इसके बाद जो हुआ उसको जानने के बाद आप चौक जाएंगे , सरदार Milkha Singh ने पाकिस्तान में हो रहे दौड़ में अपने प्रतिदवंदियो को पराजित कर दिया और पाकिस्तान (Pakistan) में होने वाले दौड़ को आसानी से जीत गए।
अब पाकिस्तान है , तो जाहिर है की वहां पर मुस्लिम दर्शक ज्यादा होंगे , लेकिन वहां के मुस्लिम दर्शक मिल्खा सिंह की रेस को देखकर इतने प्रभावित हुए की जो बुरका पहनने वाली औरतें थी , उन्होंने इस Great Racer Milkha Singh को देखने के लिए अपने नकाब भी उतार दिए और तभी से Milkha Singh फ्लाइंग सिख के नाम से प्रचलित हो गए।
Milkha Singh अपने कटेगरी के खेल से रिटायर होने के बाद पंजाब में खेल निर्देशक के पद पर थे , इसके बाद मिलखा सिंह ने खेल से सन्यास का एलान किया और भारत सरकार (Indian Government) के लिए खेलकूद के प्रोत्साहन में काम करना शुरू किया।
इस समय ये चंडीगढ़ रहा करते थे , उसके बाद फिल्म निर्माता , निर्देशक और लेखक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने इनके जीवन के महान पलों को एक फिल्म में पिरोने के लिए वर्ष 2013 में , इस महान खिलाड़ी के ऊपर भाग मिल्खा भाग नाम की फिल्म बनायीं , दर्शकों और दूसरे लोगों में ये फिल्म काफी चर्चा में रही। उड़न सिख के नाम से चर्चा में रहने वाले Milkha Singh दूसरे खेलो में भी शिरकत करते रहे थे , उन्होंने 30 नवंबर 2014 को हुए 10 किलोमीटर JIO मैराथन -2014 को हरी झंडी दिखाया।
91 की उम्र में मिल्खा सिंह का निधन
लेकिन 18 जून 2021 को चंडीगढ़ के PGI MER अस्पताल में मिल्खा सिंह ने 91 वर्ष की उम्र में अपने जीवन की अंतिम साँस ली , उनको Covid -19 हुआ था इसके 4 -5 दिन पहले मिल्खा सिंह की पत्नी का भी कोविद से ही निधन हो गया था , मिल्खा सिंह के पुत्र जीव मिल्खा सिंह Golf के खलाड़ी हैं।
मिल्खा सिंह [Nick Name] और इनकी वाइफ का नाम क्या है ?
Milkha Singh का निक नाम दी फ्लाइंग सिख (The Flying Sikh) है , और इनकी पत्नी का नाम निर्मल सैनी (Nirmal Saini) है , Milkha Singh को उनके खेल में योगदान के लिए पदमश्री अवार्ड्स से भी नवाज़ा गया है।
Conclusion – Milkha Singh (The Flying sikh) Biography in hindi
दोस्तों फ्लाइंग सिख के नाम से जाने वाले मिलखा सिंह ने अपने देश के लिए 6 Gold और 1 सिल्वर जीत कर भारत के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों से लिख दिया है ,आप कमेंट करके बताये आपको Milkha Singh के जीवन से क्या शिक्षा मिली , और यदि आपको ये जानकारी अच्छी लगे तो अपने मित्रो को जरूर शेयर करें , इसके साथ आप अपने जीवन में क्या करने वाले हैं , अभी संकल्प लेकर कमेंट करें।
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